हिम्मत..कोरोना मरीजों के घर सेनेटाइज कर रहे जांबाज कर्मी, इन्फेक्शन का डर

By: सिटी रिपोर्टर, ऊना Sep 20th, 2020 3:53 pm

सिटी रिपोर्टर, ऊना
जिला ऊना में कोरोना संक्रमितों के घरों में सेनेटाइजेशन करने की मुहिम में फायर कर्मचारियों पर संक्रमण का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि दमकल विभाग के कर्मचारी सीधे कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आ रहे हैं, जिसके चलते फायर कर्मियों पर संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। वहीं मानवाधिकार संगठन ने अब मामले को सरकार व विभाग के समक्ष उठाने के लिए कार्यवाई शुरू कर दी है। जिला ऊना में रोजाना कई लोग कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं, जिसके चलते प्रशासनिक आदेशों की पालना करते हुए फायर बिग्रेड के कर्मचारी अप्रैल माह से लेकर अब तक पॉजिटिव आए लोगों के घरों व कंटेनमेंट जोन में सेनेटाईजेशन का काम करके अपने कत्र्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं।

अब कोरोना पॉजिटिव लोगों का होम आईसोलेट होने से कर्मचारी सीधे पॉजिटिव आए लोगों के संपर्क में आ रहे हैं। जिससे इन कर्मचारियों पर संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। अगर इन कर्मचारियों को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया तो अग्रिशमन केंद्रों को बंद करने की नौबत आ खड़ेगी। जिससे जिला में आग व रैस्क्यू की घटनाओं पर समय रहते काबू पाना मुश्किल हो जाएगा। जिला में अग्रिशमन केंद्र ऊना, फायर पोस्ट टाहलीवाल व अंब की फायरपोस्ट के कर्मचारियों द्वारा इन दिनों पॉजिटिव आए लोगों के घरों में सेनेटाईजेशन का कार्य लगातार जारी है।

केंद्र व फायर पोस्टों में स्टाफ भी कम है। जिसके चलते कर्मचारियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिला मानवाधिकार संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेश ऐरी ने कहा कि फायर कर्मचारी सीधे कोरोना पॉजिटिव आए लोगों के संपर्क में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामला गंभीर है। मामले को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व डीजीपी होमगार्ड के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने अग्रिशमन कर्मचारियों को जोखिमभर ड्यूटी के चलते इन्हें 50 लाख के बीमा दायरे में लाने की भी पैरवी की है। उन्होंने कहा कि सेनेटाईजेशन का कार्य पंचायत स्तर पर ही किया जाना चाहिए ताकि फायर कर्मचारियों को आग व रैस्क्यू की सूचनाओं पर जाने में कोई दिक्कत पेश न आए।

बेशक अग्रिशमन विभाग के कर्मचारी इन दिनों कोरोना महामारी के समय में सेनेटाईजेशन का कार्य कर रहे हैं। लेकिन इस जोखिम भरे कार्य पर अभी तक किसी भी सरकार, प्रशासन व समाजसेवी संस्थाओं की नजर नही पड़ी है। जहां तक कि सरकार ने जोखिम परिपूर्ण कार्य के बाबजूद इन्हें कोरोना योद्धा के रूप में मान्यता नही दी है और न ही इनका 50 लाख का बीमा किया है।

प्रशासनिक आदेशों के चलते जिला ऊना में फायर कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव आए लोगों के घरों व इनके आसपास सेनेटाईजेशन का कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्ति आग व रैस्क्यू की घटनाओं पर भी काबू पाया जा रहा है।
नितिन धीमान, प्रभारी, अग्रिशमन केंद्र, ऊना


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