घर में आयुर्वेद

By: Sep 26th, 2020 12:12 am

– डा. जगीर सिंह पठानिया

सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक,

आयुर्वेद, बनखंडी

रामतोरी के फायदे

रामतोरी को घी तोरी या धप्पल भी कहते हैं। इसका बेलनुमा पौधा होता है। इसकी बेल धरती पर भी फैलती है तथा वृक्षों पर भी चढ़ती है व इसको फैलने के लिए खुद भी वन वगेरा बनाया जाता है। इसका फल लगभग 1 फीट के आकार का लगता है, जिसकी सब्जी बनाई जाती है जो की शीत वीर्य व बहुत ही पौष्टिक व आरोग्यवर्धक होती है।

गुण व कर्म

इसे रक्तवर्धक के रूप में, रोग प्रतिरोधी क्षमता वर्धक के रूप में, डायबिटीज में, वजन कम करने में, कोलेस्ट्रॉल को कम करने, त्वचा, खांसी रोगों में, यकृत रोगों में, चक्षुष्य के रूप में, बालों को काला करने के लिए लाभप्रद माना जाता है। अगर किसी के शरीर में रक्त की कमी हो जाती है, तो इस सब्जी को लगातार लेने से हिमोग्लोबिन की मात्रा की वृद्धि होती है तथा हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाकर बार- बार होने वाले रोगों से निजात दिलाती है।

डायबिटीज में

राम तोरी में इन्सुलिन की तरह पेप्टाइड पाए जाते हैं, इसका प्रयोग मधुमेह में लाभककारी है।

वजन कम करने में

इसमें 95: पानी होता है तथा 25: कैलोरी होती है इसलिए यह शरीर में वसा और कोलेस्ट्रॉल को कम करती है तथा वजन पर भी नियंत्रण रखती है।

त्वचा रोगों में

यह कील मुहांसे एग्जिमा सोरायसिस व अन्य त्वचा रोगों में रक्त शोधक का काम करती है व रूप को निखरती है। राम तोरी में कैरोटिन पाया जाता है इसलिए यह आंखों की रोशनी के लिए भी लाभप्रद है। इसका पीलिया रोग में भी काफी अच्छा प्रभाव होता है। पीलिया रोगी अगर इसके फल के रस को दो बूंद नाक में डालें तो नाक से पीले रंग का द्रव्य बाहर निकलता है।

बालों को काला करने के लिए

राम तोरी के छोटे टुकड़ों को लेकर छाया में सुखाना चाहिए इसके बाद उनको पांच दिन तक नारियल के तेल में डाल कर रखना चाहिए। उसके बाद उसे गर्म कर छान कर प्रतिदिन बालों में मालिश करनी चाहिए बालों का रंग काला होना शुरू हो जाता है। इसके अतिरिक्त राम तोरी की सब्जी का उपयोग कब्ज, बुखार, कास व दौर्बल्य को दूर करने में अति उपयोगी है।


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