आईआईएम सिरमौर में टूरिज्म की कक्षा

कोविड काल में पर्यटन को लगा है गहरा झटका, आतिथ्य प्रबंधन पर भी हुई गहरी चर्चा, दो सत्रों में हुए आयोजन में दिग्गजों ने रखे विचार

भारतीय प्रबंधन संस्थान सिरमौर ने विश्व पर्यटन दिवस मनाया। आईआईएम सिरमौर में पर्यटन और आतिथ्य प्रबंधन में क्षेत्रीय एमबीए कार्यक्रम के नए शामिल बैच के लिए इस तरह का पहला कार्यक्रम रहा। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा निर्धारित इस वर्ष के लिए विषय पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए पर्यटन और ग्रामीण विकास है जो महामारी से गहरा प्रभावित हुआ है। पर्यटन उद्योग में जागरूकता बढ़ाने और अंतर्दृष्टि प्रदान करने के उद्देश्य से शृंखलाबद्ध वेबिनार आयोजित किए गए।

प्रोफेसर डा. नीलू रोहमेत्रा निदेशक आईआईएम सिरमौर ने पर्यटन और आतिथ्य उद्योग को पुनर्जीवित करने के तरीकों पर अपनी अंतर्दृष्टि सांझा की। उन्होंने दौहराया कि पर्यटन और आतिथ्य प्रबंधन में इस तरह का सेक्टर विशिष्ट पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम को चलाने के लिए आईआईएम सिरमौर पहला और एकमात्र आईआईएम है। इससे पहले दो अतिथि सत्रों का आयोजन ओवररिंग थीम रिसर्जेंस इन लेजर एंड सोशिएबिलिटी के तहत किया गया था।

पहले सत्र के दौरान ऋषभ टंडन (मानव संसाधन निदेशक, इंटरकाटिंनेंटल होटल समूह) ने होटल तथा टुरिज्म में हुई अभूतपूर्व गिरावट पुनः शुरू करने संबंधी यात्रा विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने मौजूदा संकट के कारण उद्योग में व्याप्त चिंता और अशांति को संबोधित किया। उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन पहलुओं में परिवर्तन और पर्यटन उद्योग में उपभोक्ता व्यवहार पर भी ध्यान केंद्रित किया।

दूसरा सत्र नीरज नारायणन (संस्थापक ऑन हिज ओन ट्रिप) द्वारा दिया गया था, जिसमें उन्होंने परस्युईंग वन्स ड्रीम एंड एंटरप्रेंयोरशिप विषय पर चर्चा की। नीरज नारायणन ने अपनी प्रेरक यात्रा और घटनाओं को साझा किया, जिसने उन्हें रूढि़यों को तोड़ने और उनके जुनून को पूरा करने के लिए प्रभावित किया। उन्होंने कुछ अविश्वसनीय और साहसिक कहानियों, रोमांचकारी अनुभवों और सबक के साथ कहानी कहने की कला को प्रतिबिंबित किया, जो उन्होंने जीवन में सीखी। उन्होंने उद्यमी या नेता के रूप में सफल होने के लिए वास्तविक संबंधों और वास्तविक टीमों के निर्माण के महत्त्व पर भी जोर दिया।