किसानों की जेब भर रहे गोभी-टमाटर

कोरोना संकट काल के बीच किसानों को मिली राहत, अच्छे दाम मिलने से खुश

 भुंतर-कोरोना संक्रमण के संकट के बीच टमाटर किसानों की जेब खूब भर रहा है। घाटी के लाल टमाटर दाम के अपने अंतिम चरण में भी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसके अलावा गोभी और अन्य सब्जियां भी किसानों को राहत दे रही है। लिहाजा, कोरोना के कारण परेशान किसानों को मार्केट में राहत बरकरार है। कोरोना संक्रमण और मौसमी चुनौतियों के कारण कुल्लू में हरी सब्जियां आम लोगों की पहुंच से भले ही बाहर हो गई हो लेकिन किसानों को इसका सीधा लाभ मिला है। पिछले साल के बाद इस साल की सबसे महंगी सब्जी मटर के दाम 140 रुपए प्रति किलो के पार हो गए हैं, तो अभी भी टमाटर भी 50 से 55 रुपए से कम मार्केट में ढूंढे नहीं मिल रहा है।

मार्केट सूत्रों के अनुसार सब्जी का सीजन इस बार कोरोना संक्रमण की चपेट में आया है तो बरसात ने भी फसल का उत्पादन प्रभावित किया। कम उत्पादन के कारण फसलें बहुत कम मात्रा में मंडी में पहुंच रही है। कोरोना की मार के कारण घाटी के किसान सब्जियों को उगाने से कतरा रहे थे और इसके कारण इस बार बहुत कम फसल उगाई गई थी। बाजार में मांग बढ़ने के कारण सब्जियों की डिमांड कम उत्पादन से पूरी नहीं हो पा रही है। इसी के कारण दाम बढ़े हैं। बाजार में टमाटर के अलावा गोभी भी अपना रंग रूप दिखा रहा है। कभी पांच से दस रुपए में बिकने वाली बंदगोभी भी इन दिनों 20 रुपए से कम नहीं मिल रही है। मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार पहले से ही कम मात्रा में आ रही सब्जियां बरसात की बारिश के बाद और ज्यादा कम हो गई। जिला कुल्लू की कृषि उपज मंडी समिति के सचिव सुशील गुलेरिया के अनुसार बरसात और सीजन के अंतिम चरम पर होने के कारण सब्जियों की आवक कम होने लगी है और इससे दामों में इजाफा हुआ है।