किसानों की बदली तकदीर

By: हैडक्वार्टर ब्यूरो-कांगड़ा Sep 20th, 2020 7:50 am

जायका की बहाव सिंचाई योजना चतरेड़ बनी वरदान, जमीन में सब्जियों के बंपर पैदावार

जायका की बहाव सिंचाई योजना चतरेड़ ने किसानों की कृषि आय को बढ़ने के साथ सामाजिक और आर्थिक जीवन में बदलाव लाया है। किसानों ने टमाटर, खीरा, भिंडी व प्याज सहित अन्य सब्जियों का उत्पादन कर अपनी आमदन बढ़ाई है। सिंचाई के स्रोतों के आभाव एवं विहीन दशा के कारण किसानों को खेती के लिए तय समय में पानी उपलब्ध नहीं हो पाता था। इसके फलस्वरूप खेती की उपज लगभग अपने गुजारे के मुताबिक ही होती थी।

वहीं, सिंचाई के आभाव के कारण ज्यादातर किसान अनाज की फसलें ही उगा पाते थे और उनकी आमदन भी न के बराबर थी। ऐसे में क्षेत्र में जायका द्वारा बहाव सिंचाई योजना का संचालन किया गया। इस परियोजना में चतरेड़ गांव के किसानों की 20 हेक्टेयर भूमि सम्मलित किया गया, जिसमें करीब 87 लाभार्थी किसानों की भूमि का चयन किया गया। वहीं, जायका परियोजना के अधिकारियों ने उपपरियोजना चतरेड़ के लिए एक कृषक विकास संघ का भी गठन किया। इसके अतिरिक्त तीन स्वयं सहायता समूहों का भी गठन किया गया है।

जायका परियोजना के ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर चैतड़ू डा. शशि कांता ने बताया कि जायका का मुख्य उद्देश्य किसानों कोे सब्जी उत्पादन के लिए प्रशिक्षित करना है। किसानों को फसल विविधिकरण के प्रशिक्षण हेतु विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षिण शिविर और कार्यशालाएं आयोजित की गई है। उन्होंने बताया कि किसानों को उच्च कृषि तकनीकी व फार्म मशीनरी से भी परिचित करवाया गया तथा फसल एवं सब्जियों की उच्च पैदावार की वृद्धि के लिए केंचुआ खाद के गड्ढों का भी निमार्ण करवाया गया है।

जैविक खेती करने के लिए जायका के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण शिविरों का भी आयोजन किया जाता है। इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों महिलाओं की आमदनी को बढ़ाने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकारके फूड प्रोसेंसिंग, पोस्ट होर्वेस्ट तकनीक, मशरूम उत्पादन व नर्सरी रेजिंग जैसे प्रोजेक्ट्स के बारे अवगत करवाया जा रहा है। शशि कांता ने बताया कि फसल विविधिकरण के प्रयासों के जरिए किसानों के खेतों की उत्पादकता भी बढ़ गई है ओर उत्पादन की गुणवता में भी बढ़ोतरी हुई है।


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