कॉमन कोल्ड से डरें नहीं

By: Sep 12th, 2020 12:16 am

आमतौर पर होने वाला सर्दी, जुकाम भी इन दिनों हमें डराने लगा है। एक छींक आने पर भी लगता है जैसे कि हम फ्लू की चपेट में तो नहीं आ गए हैं। लेकिन आपको जानकर थोड़ी सी राहत मिलेगी कि इस सीजन में अगर आपको सामान्य कोल्ड हो रहा है, तो उससे पैनिक होने की जरूरत नहीं है। बस अपना ध्यान रखने की जरूरत है। दरअसल यह कॉमन कोल्ड कोरोना से बचाव में सहायक हो सकता है। लंबे समय से यही बात सामने आ रही है कि कॉमन कोल्ड यानी सामान्य सर्दी, जुकाम से भी खुद को बचाकर रखें। क्योंकि ऐसी स्थिति में कोविड-19 की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है। क्योंकि इस दौरान हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वायरस हमारे शरीर पर आसानी से हावी हो जाता है।

जबकि हालही हुए एक शोध में हैल्थ एक्सपर्ट्स ने इस संभावना को सिरे से नकार दिया है कि सामान्य कोल्ड होने पर कोविड-19 होने का खतरा कहीं अधिक बढ़ जाता है! इस बारे में इन शोधकर्ताओं ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को सामने रखते हुए कहा है कि कोरोना वायरस पहले से हमारे शरीर में मौजूद है। बदलते मौसम में होने वाली कोल्ड और फ्लू जैसी समस्या हमें कोरोना वायरस के कारण ही होती है।  लेकिन कोविड-19 इस कोरोना वायरस का अपग्रेड वर्जन है। यानी म्यूटेशन (बायोलॉजिकल बदलाव) के बाद कोरोना वायरस में हुए परिवर्तन से तैयार कोरोना का नया रूप। लेकिन कोविड-19 का आधार तो कोरोना वायरस ही है। इसलिए जब किसी व्यक्ति को सामान्य तौर पर होने वाला सर्दी, जुकाम होता है, तो उस दौरान उसके शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज तैयार होने लगती है। इस स्थिति में व्यक्ति के कोविड-19 के संक्रमण की चपेट में आने की आशंका नहीं बढ़ती, बल्कि इस वायरस से बचाव की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि शरीर में कोरोना के खिलाफ  पहले से ही एंटीबॉडीज मौजूद रहती हैं।

आप इस तरह समझें पूरी प्रक्रिया

कोविड-19 की जो स्ट्रेन है, वह सामान्य सर्दी,जुकाम करने वाले कोरोना वायरस से ही बनी है। इस कोरोना वायरस में बदलाव के बाद कुछ नई चीजें देखने को मिल रही हैं, जैसे कोविड-19 के स्पाइक्स। यानी कांटे की तरह निकली हुई छड़ें, जिनसे कोरोना हमारे शरीर की सैल्स को जकड़ लेता है।

ये स्पाइक्स एक खास तरह के प्रोटीन से बनी हैं, जिन्हें पहचानना हमारे शरीर की एंटीबॉडीज के लिए मुश्किल हो रहा है और कोविड-19 हमारे शरीर को बीमार बना रहा है। जबकि कोविड-19 फैलाने वाले कोरोना वायरस का बाकी हिस्सा और सतह तो उसी तरह के प्रोटीन से बनी हैं, जिनसे सामान्य सर्दी, जुकाम करने वाला कोरोना वायरस बना है।

इस कारण जब कोई व्यक्ति सर्दी, जुकाम से ग्रसित होता है तो उसके शरीर में कोरोना वायरस के उन प्रोटीन सैल्स को मारने के लिए तो पहले से एंटीबॉडीज होती है। ये एंटीबॉडीज कोविड-19 वायरस की चपेट में आने पर उस वायरस को कमजोर करने का काम करती हैं। इससे कोविड-19 शरीर को उतना नुकसान नहीं पहुंचा पाता है, जितना कि पहुंचा सकता है। इस तरह सामान्य सर्दी, जुकाम इस समय पर हमारे लिए डर की वजह नहीं होना चाहिए। बस हम अपनी सेहत का ध्यान रखें।

किसने किया शोध

यह रिसर्च अगस्त को जर्नल साइंस में प्रकाशित हुई है। इस शोध को लीड करने वाले डेनिला विस्कोफ, ला जोला इंस्टीच्यूट, कैलिफोर्निया में इम्यूनोलॉजी के लिए सहायक प्रोफेसर हैं।  प्रोफेसर डेनिला उस खास रिसर्च में भी सहायक प्रमुख लेखक रहे हैं, जिस शोध में यह बात सामने आई है कि हमारे शरीर की टी-सैल्स सामान्य सर्दी, जुकाम के खिलाफ किस तरह काम करती हैं।


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