क्षेत्रीय फील्ड वर्कशॉप ने नहीं रुकने दिया अटल टनल रोहतांग का निर्माण

सुरंग के निर्माण में लगीं मशीनरियों और गाडि़यों के अचानक खराब होने पर दुरुस्त करने के लिए तुरंत पहुंचती थी टीम

कुल्लू-विश्व की प्रसिद्ध एवं 10040 और 10075 फीट ऊंचाई पर सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण अटल टनल रोहतांग के निर्माण कार्य में बीआरओ की क्षेत्रीय फील्ड वर्कशाप का अहम योगदान रहा है। टनल के उद्घाटन को मात्र पांच दिन शेष रह गए हैं, लेकिन 1059 क्षेत्रीय कार्यशाला का कार्य जारी है। बीआरओ की अटल टनल रोहतांग के साथ-साथ बीआरओ के रोड रोहतांग पास, बारालाचा पास में कड़ाके ठंड भी अचानक खराब हुई मशीनिरियों, गाडि़यों को ठीक करने के लिए क्षेत्रीय फील्ड वर्कशाप ने तत्पर कार्य किया और टीम हर समय तैयार रहती है। लिहाजा, बीआरओ के मेकेनिकल विंग ने अटल टनल रोहतांग में लगी मशीनिरयों के टेक्निकल कार्य में अपना खूब वर्चस्व दिखाया है। टनल के भीतर के बीच का मार्ग जहां सरपट वाहन दौड़ने के लिए तैयार हो गया है। वहीं, टनल की दीवारें रंग-रोगन के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी की हाई क्वालिटी की लाइटों से चमक गई है। 9.02 किलोमीटर टनल का नजारा सफर करने में तनिक सा भी  थकान लोगों को महसूस नहीं करवाएगा। जानकारी के मुताबिक टनल निर्माण में लगे बुल्डोजर, टिप्पर, मारुति, जेसीबी व डंपर सहित अन्य जितनी भी मशीनरियां काम करते हुए अचानक खराब हो जाती थी, तो क्षेत्रीय फील्ड वर्कशाप में तैनात टेक्निकल टीम विदेशी तकनीक से मशीनों, गाडि़यों को ठीक करती थी।

अधिकारी की जानकारी के मुताबिक मात्र वर्ष 2019 से लेकर चालू सितंबर 2020 तक करीब 100 गाडि़यां, मशीनियां काम करते हुए खराब हुई, लेकिन देर न करते हुए टीम ने मशीनरियों को ठीक करवाया और टनल का कार्य रुकने नहीं दिया। वहीं, पूरी टनल में बेल्डिंग का कार्य भी 1059 क्षेत्रीय कार्यशाला ने ही देखा। अधिकारियों की जानकारी अनुसार 1059 क्षेत्रीय कार्यशाला में कुल 125 कर्मचारी तैनात हैं। इनमें जूनियर अस्स्टिेंड इंजीनियर्स, चार्ज मैकेनिक, बेल्डर, टर्नर आदि शामिल हैं।  टनल निर्माण कार्य में सैंकड़ों मशीनरियां और गाडि़यां लगी हुई है। पूरे दस साल में फील्ड वर्कशाप  ने टनल निर्माण में अपना पूरा सहयोग दिया। इस संदर्भ में अटल टनल रोहतांग के साउथ और नार्थ पोर्टल में दिव्य हिमाचल से विशेष बातचीत करते हुए  मेकेनिकल एक्जीक्यूटिव इंजीनियर राकेश कुमार ने बताया कि अटल टनल रोहतांग के निर्माण कार्य में 1050 क्षेत्रीय कार्यशाला ने पूरा सहयोग दिया है।

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अटल टनल रोहतांग आज आसानी बनकर तैयार हुई है। जब-जब भी गाडि़यां, मशीनियां अचानक काम करते हुए खराब हो जाती थी, तो मैकेनिकल विंग विदेशी तकनीक से मशीनों को ठीक करता आ रहा है। गाडि़यों का टेक्निकल कार्य क्षेत्रीय कार्यशाला ने ही देखा।  रोहतांग टॉप और बारालाचा टॉप मे स्नो क्लीरेंस के दौरान जब भी मशीनों में कड़ाके की ठंड से डिफाल्ड आ जाता था तो उनकी टीम ने पीछे न हटते हुए मशीनों को ठीक कर दिया और जिस कारण कार्य चलता रहा।