कुल्लू में कल से नशा मुक्त अभियान

By: कार्यालय संवाददाता — कुल्लू Sep 20th, 2020 12:00 pm

नशा किसी भी समाज की उन्नति में बहुत बड़ी बाधा माना जाता है। नशीले पदार्थों के उत्पादन, बिक्री और तस्करी पूरी तरह से प्रतिबंधित है और इसे रोकने के लिए अनेक कानून बनाए गए हैं। इसके बावजूद नशीले पदार्थों की उपलब्धता और मौजूदगी पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पाया है। इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार समय-समय पर समाज को नशामुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चला रही है। कुल्लू जिला में 21 सितंबर से पांच अक्तूबर तक नशीले पदार्थों की खेती व उत्पादन को समाप्त करने के लिए एक अभियान चलाने की जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है।

इस अभियान के दौरान जिला के विभिन्न भागों से भांग व अफीम को समूल नष्ट करने की कवायद शुरू होगी। जिलाधीश डा. ऋचा वर्मा का कहना है कि अभियान को जिला भर में सख्ती के साथ कार्यान्वित किया जाएगा। इसके लिए रणनीति तैयार करने को लेकर दो बार बैठक का आयोजन किया जा चुका है। जिला स्तर पर तथा उपमंडल स्तर पर समितियों का गठन किया जा चुका है। ये समितियां से भांग व अफीम को उखाड़कर जिला को नशामुक्त बनाने के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं।

जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता वाली समिति में पुलिस अधीक्षक, सभी एसडीएम, वन मंडलाधिकारी, जिला पंचायत अधिकारी,  लोक निर्माण व जल शक्ति विभागों के अधीक्षण, अधिशाषी अभियंता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उपनिदेशक शिक्षा सहित अन्य विभागों के अधिकारी होंगे। इसी प्रकार उपमंडल स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता वाली समितियों में पुलिस उप अधीक्षक, खंड विकास अधिकारी, सहायक अरण्यपाल, कृषि व बागबानी विकास अधिकारी, लोक निर्माण व जलशक्ति विभाग के सहायक अभियंताओं सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को भी सम्मिलित किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि अभियान को सफल बनाने में पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों तथा आम लोगों का भी सहयोग लिया जाएगा। प्रतिदिन एक सैक्टर अधिकारी द्वारा दो ग्राम पंचायतों को कवर किया जाएगा। इस दौरान सभी विभागों का आपसी तालमेल तथा पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों से समन्वय बेहद जरूरी होगा।

लोगों को नशे के प्रति जागरूक भी करेंगे

लोगों में नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों तथा इनके गैर कानूनी उत्पादन बारे व्यापक जागरूकता उत्पन्न की जाएगी। इसके लिए मीडिया का सहयोग अपेक्षित रहेगा। अभियान आरंभ होने से पूर्व सभी पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों को शपथ दिलाई गई है कि वे कभी भी नशीले पदार्थों का उपयोग नहीं करेंगे और न ही खसखस, भांग व अफीम का उत्पादन करेंगे और न ही अन्य लोगों से इसका उत्पादन करने देंगे। अभियान के दौरान प्रत्येक दिन की गतिविधियों की मौनिटरिंग की जाएगी। अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त करके इसे प्रदेश सरकार को प्रेषित किया जाएगा। वन विभाग इस संबंध में पुलिस विभाग के साथ मिलकर भांग व अफीम मुक्त क्षेत्र का प्रमाण पत्र सौंपेगा।


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