लकड़ी की इमारत में भड़की आग

सुबाथू में सिलेंडर रेगुलेटर लीकेज से घर में लगी आग, बड़ा हादसा होते-होते टला

सुबाथू-छावनी परिषद सुबाथू में रविवार को एक लकड़ी की इमारत में सिलेंडर रेगुलेटर लीकेज के कारण आग भड़क गई। ऐसे में छावनी परिषद् की ओर से आपात स्थिति में आग पर काबू पाने वाली फायर हाइड्रेंट सुविधा की पोल भी खुल गई। मकान में भड़कती आग का हल्ला मचते ही स्थानीय लोगों, छावनी कर्मचारियों सहित पुलिस के जवानों ने आग पर काबू पा लिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि आग पर काबू पाने में कांस्टेबल दिनेश कुमार ने बहादुरी का परिचय दिया है। सिलेंडर पर लगी आग के बावजूद दिनेश कुमार ने जलते हुए सिलेंडर को घर से बहार निकाल रेत से बुझाया। इस घटना में आग की लपटों से कांस्टेबल दिनेश की बाजू भी मामूली झुलस गई है।

पुलिस के अनुसार कश्मीरी मोहल्ले में नरेंद्र कुमार के मकान में सिलेंडर का रेगुलेटर लीकेज होने के यह कारण हादसा पेश आया है। जिसमें परिवार के कपड़े बिस्तर व पंखा जलने के साथ छत की कडि़यां झुलसी हैं। गनीमत यह रही की सिलेंडर फटा नहीं अगर सिलेंडर फट जाता तो एक बड़ा हादसा भी घट सकता था। बता दें कि सुबाथू छावनी में अधिकतर मकान लकड़ी के बने हुए हैं। ऐसे में छावनी परिषद सुबाथू के पास आगजनी जैसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई भी विकल्प नहीं है। आगजनी की पुष्टि एसएचओ धर्मपुर दयाराम ठाकुर ने की है।

फायर हाइड्रेंट पर जमकर उठे सवाल

भड़कती आग पर काबू पाने वाले स्थानीय लोगों ने छावनी परिषद की फायर हाइड्रेंट सुविधा पर भी जमकर सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि छावनी परिषद की बोर्ड बैठक में कुछ वर्ष पहले पास हुए प्रस्ताव मात्र कागजों तक ही सिमट कर रह गए हैं। उन्होंने बताया कि बीते कुछ वर्षों पहले ही छावनी परिषद ने सुबाथू की तंग गलियों में आग पर काबू पाने वाली बाईक फायर ब्रिगेड सुविधा देने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन बोर्ड में रखे इस प्रस्ताव को जमीनी स्तर पर उतारने में आज भी परिषद नाकाम साबित रहा है। जिसके कारण सुबाथूवासी आपात आगजनी की घटना से निपटने के लिए राम-भरोसे हैं।