मंडी के 15 स्वास्थ्य संस्थानों को मिला सम्मान

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो-मंडी Sep 19th, 2020 9:15 am

जिला में बेहतर साफ-सफाई और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए नकद पुरस्कार से किया सम्मानित

मंडी-‘कायाकल्प’ कार्यक्रम के तहत साल 2019-20 में मंडी जिला के 15 स्वास्थ्य संस्थान उत्कृष्ट मानकों पर खरा उतरने के लिए सम्मानित किए गए हैं। इस दौरान  इन स्वास्थ्य संस्थानों को अपने यहां बेहतर साफ-सफाई व संक्रमण रोकने के लिए किए गए प्रभावी प्रयासों के चलते नकद पुरस्कार से नवाजा गया है। यह जानकारी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने जिला क्वालिटी इंश्योरेंस समिति के तहत चलाए जा रहे ‘कायाकल्प’ कार्यक्रम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

इन्हें मिला सम्मान

 कायाकल्प कार्यक्रम के तहत साल 2019-20 में सिविल अस्पताल सुंदरनगर, करसोग, सरकाघाट, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटौला, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्रमण, पंडोल, चौंतड़ा, गोपालपुर, भद्रवाड़, झुंगी, पाली, चुक्कू, थुनाग, नसलोह और कमांद को सम्मानित किया गया है।

संस्थानों को अलग-अलग वर्ग में दो लाख, एक लाख और 50 हजार रुपए के नकद पुरस्कार मिले हैं। ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान को उत्कृष्टता के मानकों की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य संस्थानों को स्वच्छ रखने में मदद मिल रही है। उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में पूर्ण स्वच्छता का उद्देश्य संस्थानों का इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा करना, गुणवत्तापूर्ण सेवा मुहैया कराना तथा टीम वर्क को उत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि यह केवल शारीरिक स्वच्छता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके तहत केंद्रों में जैव-अपशिष्ट निपटान या प्रोटोकॉल जैसी गतिविधियों को पहल का हिस्सा बनाया गया है।

बायोमेडिकल कचरे के निष्पादन की उचित व्यवस्था

इसके उपरांत स्वास्थ्य संस्थानों में बायो मेडिकल वेस्ट के पूर्ण निष्पादन के लिए गठित जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिला के समस्त सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में बायो मेडिकल कचरे के पूर्ण निष्पादन की उचित व्यवस्था की गई हैं। इसके अतिरिक्त निर्माणाधीन नए स्वास्थ्य संस्थानों में भी बायो मेडिकल कचरे की उचित व्यवस्था का प्रावधान रखा गया है। साथ ही तरल कचरे के निष्पादन की दिशा में भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। दस बेड से ज्यादा वाले स्वास्थ्य संस्थानों में छह माह के दौरान सॉलिड ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित कर लिए जाएंगे। तरल कचरे के ट्रीटमेंट के लिए सभी जरूरी व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश ठाकुर ने कायाकल्प योजना बारे विस्तार से जानकारी देते हुए जिला में इस योजना के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में किए जा रहे कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला।


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