‘मैं अपने हिस्से की लड़ाई स्वयं लड़ती हूं’, श्यामा शर्मा का राजनीति मेें था अलग ही रुतबा

By: सिटी रिपोर्टर — नाहन Sep 22nd, 2020 1:00 pm

मैं अपने हिस्से की लड़ाई स्वयं लड़ती हूं और हमेशा धारा के विरुद्ध लड़ने का सामर्थ्य रखती हूं। यह कहना था राजनिति जैसी बिहड राहों पर चलने वाली सिरमौर जिला की शेरनी, तेजतर्रार नेत्री कुमारी श्यामा शर्मा का। जिला सिरमौर की पहली महिला विधायक एवं पूर्व मंत्री रही कुमारी श्यामा शर्मा का जिनका सोमवार को 72 वर्ष की आयु में कुछ दिन की अस्वस्थता के कारण निधन हो गया।

जिला सिरमौर के सरोगा निवासी किसान जमीदार पंडित दुर्गादत के घर 1948 को जन्मी कुमारी शर्मा ने बीए की पढ़ाई पंजाब विश्वविद्यालय से की, जिसके बाद इलाहबाद विश्वविद्यालय तथा आगरा विश्वविद्यालय से कई कोर्स किए। वहीं, एलएलबी की डिग्री धारक कुमारी श्यामा ने राजनीतिक सफर की शुरुआत करते हुए वर्ष 1977 मे पहली बार प्रदेश विधानसभा के लिए जीत कर अकेली महिला विधायक के रूप मे पहुंचीं।

कुमारी श्यामा प्रदेश भाजपा की अध्यक्ष भी रहीं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की सरकार में राज्य मंत्री बनी, जिसके बाद 1982 में विधायक बनी। वहीं, हिमाचल प्रदेश योजना बोर्ड की उपाध्यक्ष भी रहीं। वहीं, 1989 उन्होने क्रांतिकारी मोर्चे का गठन किया, जिसके बैनर तले उन्होंने वर्ष 1990 में विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमे जिला सिरमौर के रेणुकाजी से रूप सिंह, शिलाई से जगत सिंह नेगी और नाहन स्वयं चुनाव जीत कर भाजपा में दल का विलय कर लिया। राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव भी रहीं। वहीं दो फरवरी, 2012 को हिमाचल लोकहित पार्टी की भी फाउंडिंग सदस्य रहीं। राजनीतिक जीवन में जयप्रकाश नारायण से प्रभावित रहीं। वहीं फायर ब्रांड नेत्री ने जेपी आंदोलन से जुड़ते हुए खोदरी माजरी श्रमिक मूवमेंट के आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए श्रमिकों के हितों की सक्रिय लड़ाई लड़ी, जिस कारण कुमारी श्याम शर्मा को प्रदेश से बाहर का रास्ता दिखाया गया।

1975 में एमर्जेंसी का विरोध करने पर जेल भी गईं

कुमारी श्यामा शर्मा ने इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में आपातकाल थोपने के दौरान इसका सक्रिय रूप से विरोध किया, जिस पर उन्हें केंद्रीय आदर्श कारागार नाहन में जेल में भी रखा गया। यहां भी उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व मंत्री राधारमण शास्त्री, महेंद्र सिंह सोफत जैसे नेताओं के साथ जेल में रहते हुए कई मुद्दों पर सक्रिय रूप से भाग लेते हुए आवाज बुलंद की।

जेपी नड्डा-शांता कुमार-धूमल समेत दिग्गजों ने जताया निधन पर शोक

शिमला। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, शांता कुमार, केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद रामस्वरूप शर्मा, किशन कपूर, राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी, पूर्व भाजपा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल, सतपाल सिंह सत्ती, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा, प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, त्रिलोक कपूर, राकेश जम्वाल समेत सभी पदाधिकारियों, विधायकों ने श्यामा शर्मा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। भाजपा नेताओं ने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे और परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।

खो दिया महान व्यक्तित्व

शिमला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पूर्व सासंद प्रतिभा सिंह व शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह, प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने भाजपा की वरिष्ठ नेत्री श्यामा शर्मा के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार व दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना भगवान से की है। उनके निधन से प्रदेश ने राजनीति में एक महान व्यक्तित्व खो दिया है।

हमेशा याद रहेगा योगदान

शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि श्यामा शर्मा को उनके द्वारा की गई राज्य की निस्वार्थ सेवाओं और अमिट योगदान के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास में दिए गए इनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।


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