नगर निगम के विरोध में आठ पंचायतें

By: नगर संवाददाता-सोलन Sep 22nd, 2020 9:10 am

ग्रामीण संघर्ष समिति ने अतिरिक्त उपायुक्त को ज्ञापन सौंप दर्ज करवाईं अपत्तियां, नोटिफिकेशन रद्द करने की मांग

सोलन-जब से नगर निगम का प्रस्ताव मंत्रिमंडल में रखा गया है, तब से शहर के साथ लगती आठ पंचायतों को नगर निगम में शामिल किए जाने की चर्चा चल रही है। तब से लेकर आठ पंचायतों के प्रतिनिधि और ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें नगर निगम बनने से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन प्रदेश सरकार के इस फैसले से आठ पंचायतों के करीब 20000 लोगों के हितों पर कुठाराघात होगा। ग्रामीणों द्वारा नगर निगम में ग्रामीण क्षेत्र को शामिल न किए जाने के लिए ग्रामीण संघर्ष समिति का भी निर्माण किया गया है। ग्रामीण संघर्ष समिति लगातार इसका विरोध कर रही है कि सरकार नगर निगम में ग्रामीण क्षेत्र को शामिल न करे।

इसके चलते सोमवार को भी ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों द्वारा अतिरिक्त उपायुक्त को ज्ञापन सौंपे गए, जिसमें उन्होंने नगर निगम में शामिल न करने के लिए आपत्तियां दर्ज करवाई। ग्रामीण संघर्ष समिति के अध्यक्ष किरण किशोर, सचिव, मनोज वर्मा और प्रवक्ता नीरज का कहना है कि अगर नगर निगम बनाने को लेकर 40000 की जनसंख्या चाहिए तो, उसकी नोटिफिकेशन जारी कर आठ पंचायत को शामिल करने को लेकर की गई नोटिफिकेशन को कैंसिल कर दें। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार ग्रामीणों की नहीं सुनेगी तो संघर्ष जारी रहेगा चाहे इसके लिए जेल जाना पड़े, भूख हड़ताल करनी पड़े या फिर धरना देना पड़े। उनका कहना है कि अगर मरना ही है तो संघर्ष करके मरेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि नगर निगम में न जाने को लेकर ग्रामीणों के पास कई कारण हैं। ग्रामीणों का कहना है ऐसी अनेक योजनाएं हैं जो ग्रामीण इलाकों में विकास कार्य करती हैं। उनका कहना है कि अगर इन पंचायतों के किसी भी गांव को नगर निगम में शामिल किया जाएगा तो ग्रामीण संघर्ष समिति जन आंदोलन करेगी।


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