New-industry-policy एमएसएमई और आत्मनिर्भर भारत पर केंद्रित होगी: मनोहर लाल खट्टर

By: एजें‌सियां गुरूग्राम Sep 27th, 2020 12:10 am

गुरूग्राम-हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि प्रदेश की नई उद्योग नीति उद्योग एवं रोजगार नीति-2020 के नाम से एक नवम्बर को हरियाणा दिवस पर लागू की जाएगी तथा यह सूक्षम, लघु और मध्यम उद्योग तथा आत्मनिर्भर भारत पर केंद्रित होगी।
श्री खट्टर ने आज यहां नई उद्योग नीति को लेकर विभिन्न पक्षों के साथ बैठक करने के उपरांत मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे। श्री चौटाला के पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश समृद्ध हो और उद्योगों में प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया हों, इस बारे में उद्यमियों से युवाओं का उद्योगों में काम करने के लिए कौशल विकास और एप्टीट्यूड का सुझाव दिया है। उन्होंने बैठक में उपस्थित श्री विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविदद्यालय के कुलपति राज नेहरू को बिहेवियरल एप्टीट्यूड के लिए लघु अवधि पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नई उद्योग तथा रोजगार नीति-2020 में राज्य में अधिकाधिक निवेश लाने तथा प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने पर जोर रहेगा।
इससे पहले उद्यमियों के साथ बैठक में श्री खट्टर ने कहा कि उद्योगों की दृष्टि से हरियाणा आज भी देश में अग्रणी राज्यों में है। सरकार का सतत प्रयास है कि राज्य और समृद्ध बने और इस दिशा में वह गत छह वर्षों से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सन 2014 में जब वर्तमान भाजपा सरकार ने प्रदेश की बागडोर संभाली तो ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हरियाणा 14वें स्थान पर था। इसके बाद सरकार के प्रयासों से हरियाणा छठें स्थान पर आया तथा बाद में तीसरे स्थान पर भी पहुंचा। उन्होंने कहा कि इस बार कुछ प्रक्रिया से जुड़ी कमी के कारण हरियाणा रैंकिंग में थोड़ा पिछड़ गया लेकिन भविष्य में उन कमियों को दूर करके फिर से अग्रणी राज्यों में आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उद्योगों से प्रदेश को राजस्व मिलता था क्योंकि उस समय वैट का पैसा प्रदेश को आता था। अब जीएसटी लागू होने के बाद खपत वाले राज्य को पैसा मिलता है। इस नाते अब उद्योग स्थापित होने में फोकस रोजगार पर हो गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम(एचएसआईआईडीसी) में पहले भी प्रदेश के लोगों को रोजगार में प्राथमिकता देने का प्रावधान था लेकिन पहले उस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश का युवा सरकारी नौकरी चाहता है लेकिन सभी को सरकारी नौकरी मिल नहीं सकती इसलिए उद्योगों में काम करने की रूचि पैदा करने की जरूरत है। इसके लिए पढ़ाई के साथ उनकी स्किलिंग जरूरी है। साथ ही युवाओं में काम करने की संस्कृति पैदा करनी होगी।
उन्होंने उद्यमियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि रोजगार में राज्य के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए लेकिन यह उन पर बाध्यता नहीं है। यदि हरियाणा के लोग नहीं मिलते हैं तो वे अन्य लोगों को रोजगार पर रखने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार देने से उद्योगों को भी बहुत से लाभ होंगे, जिसका जिक्र स्वयं उद्यमियों ने आज की चर्चा में किया है। ऐसे लोगों पर हाउसिंग और ट्रांसपोर्टेशन आदि का खर्च भी कम होगा।
उन्होंने कहा कि हर उद्यमी सरकार के साथ सूचीबद्ध हो इसके लिए सरकार ने ‘हम’ पोर्टल अर्थात् हरियाणा उद्यम मेमोरेंडम लांच किया है। इससे उद्योगों का डाटा तैयार होगा और सरकार को योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी। राज्य में परिवार पहचान पत्र के माध्यम से परिवारों तथा भूमि रिकॉर्ड का कंप्यूटीकरण कर भूमि डाटा तैयार किया जा रहा है ताकि सभी चीजें व्यवस्थित हों।
श्री चौटाला ने कहा कि प्रदेश के लोगों को रोजगार मुहैया कराने पर फोकस करने का सरकार का विचार है। इसके लिए युवाओं को स्किल्ड कर उद्योगों को उपलब्ध कराएंगे। यह सरकार के सामने भी चुनौती है कि उनको कैसे प्रशिक्षित और स्किल्ड किया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन नीति-2015 में भी स्थानीय युवाओं को रोजगार पर रखने के लिए 36 हजार रूपये सालाना प्रोत्साहन राशि उद्योग को देने का प्रावधान था। अब यह वित्तीय सहायता राशि बढ़ा कर 48 हजार रूपये कर दी गई है। यदि ब्लाक-बी, सी और डी में उद्योग लगते हैं तो यह उद्यमियों के लिए किफायती रहेंगे।


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