राजगढ़-नौहराधार सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे

राजगढ़-राजगढ़-नौहराधार मार्ग में छिछडि़याधार से कंडानाला से आगे की सड़क की हालत बदतर हो चुकी है और विभाग इसकी सुध लेना भी भूल चुका है। लोक निर्माण विभाग मंडल राजगढ़ के अधीन करीब दस किलोमीटर सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं और विभाग ने इस सड़क को पूरी तरह लावारिस छोड़ रखा है। आलम यह है कि गड्ढों से भरी सड़क पर छोटे वाहन ही नहीं, बल्कि बड़े वाहनों की आवाजाही भी जोखिम का कार्य हो गया है। नौहराधार लोक निर्माण उपमंडल के साथ लगती इस सड़क की दशा सुधारने के प्रति विभाग गंभीर नहीं है। विभागीय कार्यप्रणाली का आलम यह है कि पिछले करीब तीन वर्षों से इस क्षेत्र में पैच तक नहीं लगवाए गए हैं। हर वर्ष विभाग द्वारा राजगढ़ से कंडानाला तक पैच लगाने का टेंडर तो लगाया जाता है, लेकिन सही ढंग के प्राक्कलन न बनाए जाने और विभागीय लापरवाही के चलते छिछडि़याधार तक ही पैच लगते हैं और इससे आगे की सड़क को वैसे ही छोड़ दिया जाता है।

इससे  आगे की सड़क की हालत वर्ष दर वर्ष खराब होती जा रही है। पर्यटकों की भरमार भी इस सड़क पर रहती है और वह भी फिर से आने के लिए तौबा करते हैं। पूर्व प्रधान आशा प्रकाश, रमेश कुमार, वेद प्रकाश व सोमदत्त ने कहा कि विभाग को अनेक बार सड़क की दशा सुधारने का आग्रह किया गया, लेकिन विभाग कोई ठोस कार्य नहीं कर रहा है। कई बार मिट्टी से गड्ढे भरे जाते हैं जो कुछ दिनों धूल उड़ने के बाद यथावत रहते हैं। ग्रामीणों ने विभाग के रवैये पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि वह अब सूचना के अधिकार के तहत विभाग से इस मार्ग में हुए खर्च की जानकारी लेंगे और लाखों रुपए खर्च होने पर भी सड़क की दशा में सुधार न होने के मामले को अदालत में ले जाएंगे। अधिशाषी अभियंता द्वारा  मोबाइल न उठाए जाने के कारण कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। उधर, सहायक अभियंता डीके कौंडल से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्होंने अधिशाषी अभियंता से चर्चा की है और छिछडि़याधार से आगे भी विभागीय स्तर पर व ठेकेदार के माध्यम से पैच लगाए जाएंगे, ताकि सड़क की दशा में सुधार हो सके।