कुल्लू में देव स्थलों का बनेगा राजस्व रिकार्ड
जिला कुल्लू के देव स्थलों की जमीन की निशान देही कर राजस्व रिकार्ड तैयार किया जाएगा। देव समाज की बहुत पुरानी मांग पर प्रदेश सरकार ने कदम उठाने के जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं। जिला कुल्लू देवी-देवता कारदार संघ के प्रधान जयचंद ठाकुर के अनुसार देव स्थलों की जमीन पर कब्जा कर कई तरह का निर्माण किए जाने से देव आस्था को चोट पहुंच रही थी। उन्होंने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 की धारा दो के अधीन कोई भी वन भूमि बिना भारत सरकार की अनुमति के निजी प्रयोग में नहीं लाई जा सकती। देव स्थलों पर यह अधिनियम लागू न होने से सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं के अधीन बिना देवलुओं को पूछे बाड़-बंदी कर प्रोजेक्ट स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।
देवताओं के कब्जे वाली जितनी भी भूमि है, वहां पर सदियों से देवताओं का कब्जा रहा है। देवलू जंगलों में देवताओं को देव शक्ति अर्जित करने, स्नान आदि के लिए लेजाते थे। इस संदर्भ में कई बार हिमाचल सरकार को देव समाज की भावनाएं आहत होने बारे अवगत करवाया गया। जयचंद ठाकुर ने सरकार द्वारा देवताओं की जमीन की निशानदेही किए जाने के निर्देश जारी होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि निशानदेही से इन जमीनों का मालिकाना हक देवसमाज को मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। बंजार में नेशनल पार्क के अंदर सरकारी कानून आड़े आने से सभी देव स्थलों में प्रवेश वर्जित हो गया था, अब भविष्य में ऐसी समस्याओं से देवलुओं को निजात मिल जाएगी। उन्होंने जिला कुल्लू के सभी वासियों, देवलुओं, कारदार खंड प्रधानों से आग्रह किया है कि राजस्व विभाग से संपर्क कर अपने-अपने देव स्थलों की निशानदेही सुनिश्चित करें।
बाहरी ठेकेदारों का विरोध
कुल्लू। बजौरा में अपनी भूमि कांट्रेक्टर यूनियन की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अध्यक्ष मोहर सिंह द्वारा कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा गया कि जिला कुल्लू में बाहर के ठेकेदारों को जल शक्ति विभाग शमशी में कार्य दिया जा रहा है, जिसे जल्द रोका जाए। वहीं, अध्यक्ष मोहर सिंह ने बताया कि बैठक में यूनियन ने निर्णय लिया है कि आगामी समय में यूनियन की मांगों से संबंधित विभाग से भी कई बातों पर चर्चा की जाएगी।
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