सैलानियों को रिझाएंगी हाइड्रोफॉयल, गोबिंद सागर झील में दिया जा रहा नाव चलाने का प्रशिक्षण
इंडिया में पहली बार इंटरड्यूज हुई ई-हाइड्रोफॉयल (एक प्रकार की नाव) हिमाचल प्रदेश के पर्यटन को पंख लगाएंगी। राज्य सरकार ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में 13 ई-हाइड्रोफॉयल खरीदी हैं, जिन्हें मुंबई से बिलासपुर के वॉटर स्पोर्ट्स सेंटर में पहुंचाया गया है। अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली के तत्त्वावधान में गोबिंद सागर झील में आयोजित किए जा रहे सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में पौंगडैम से आए इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग दे रहे हैं। साथ ही जेटस्की और जेटोवेटर की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन्हें तत्तापानी व लारजी डैम में नियमित रूप से पर्यटकों के लिए उपलब्ध किया जाएगा। खास बात यह है कि ई-हाइड्रोफॉयल पूरी तरह से ईको फ्रेंडली है और यह जलाशय में रिमोट कंट्रोल के जरिए चलती हैं। यह पानी से काफी ऊपर यानी तीन से चार फुट ऊंचाई तक तेज गति से चलती है और इसका कंट्रोल रिमोट चलाने वाले के हाथों में रहता है।
बैटरी एक बार चार्ज करने पर यह करीब डेढ़ घंटे तक पानी पर चलाई जा सकती है। इससे पहले ई-हाइड्रोफॉयल का प्रयोग बडे़-बड़े समुद्रों में वाटर सफ्रिंग के लिए होता था। अब प्रदेश सरकार ने हिमाचल में पयर्टन को बढ़ावा देने के लिए इस उपकरण को इंटरड्यूज किया गया है ताकि, प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को इसकी सुविधा मिल सके। बताते चलें कि हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रुप की लागत से 13 जेटस्की, 13 ई-हाइड्रोफॉयल और 13 जेटोवेटर खरीदे गए हैं और प्रदेश के तत्तापानी और लारजी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बिलासपुर की गोबिंद सागर झील में 11 युवाओं को इन्हें चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली के निदेशक कर्नल नीरज राणा की देखरेख में चल रहे इस प्रशिक्षण शिविर में चार प्रशिक्षक युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं। जिसमें वॉटर स्पोर्ट्स सेंटर की प्रभारी जमना ठाकुर, वॉटर स्पोर्ट्स सेंटर पौंग डैम के इंस्ट्रक्टर गिमनर व दीपक ठाकुर तथा वोटमैन विक्रांत व विरेंद्र कुमार शामिल हैं। उधर, बिलासपुर में यह प्रशिक्षण शिविर आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस वाटर स्पोर्ट्स को लेकर लोग काफी उत्साहित हैं।
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