सोमवार से खुलेंगे स्कूल, नौवीं से 12वीं तक के छात्र स्वेच्छा से आ सकते हैं स्कूल, अभिभावकों की सहमति जरूरी

By: सिटी रिपोर्टर — शिमला Sep 19th, 2020 12:12 am

जयराम कैबिनेट का फैसला, 50 प्रतिशत शिक्षक व गैर शिक्षकों को बुलाने की अनुमति

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सोमवार, 21 सितंबर से प्रदेश में स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। मंत्रिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रदेश में कंटेन्मेंट जोन से बाहर 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक संस्थानों को खोलने को अनुमति प्रदान की।

इस निर्णय के अनुसार, स्कूलों को 50 प्रतिशत शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों के साथ 21 सितंबर, 2020 से खोलने को अपनी स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों अथवा संरक्षकों की सहमति अनिवार्य होगी। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने जिला मंडी के थुनाग स्थित राजकीय वानिकी एवं बागबानी महाविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2020-21 से वानिकी विषय में बीएससी (ऑनर्ज) आरंभ करने को भी स्वीकृति प्रदान की।

स्कूल खोलने पर कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि अभी 30 सितंबर तक स्कूलों में छात्रों की नियमित कक्षाएं नहीं लगेंगी। सोमवार से अगर छात्र स्कूलों में शिक्षकों से सिलेबस से जुड़ा कोई सवाल पूछना चाहते हैं, तो अभिभावकों की लिखित अनुमति के बाद वे स्कूलों में आ सकते है। इसके अलावा दूसरे शैक्षणिक संस्थान, कालेज व प्राइवेट कोचिंग सेंटरों में अभी नियमित कक्षाएं नहीं लगेगी। कैबिनेट की बैठक के बाद शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने यह जानकारी दी। बैठक में केंद्र सरकार की एसओपी को जारी रखते हुए फैसला लिया गया कि स्कूल खुलने के बाद शिक्षकों को छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाना होगा। इसके साथ ही स्कूलों से टेलीग्राम के माध्यम से भी छात्रों को पढ़ाने के आदेश हुए हैं। अब 21 सितंबर के बाद स्कूलों में जिन शिक्षकों की ज्यादा जरूरत होगी, उन्हें बुलाया जाएगा। इसके साथ ही इस आधार पर भी स्कूलों में शिक्षकों को बुलाया जाएगा, ताकि छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं भी आईसीटी लैब से शुरू की जा सकें।

फर्स्ट व सेकेंड ईयर के एग्जाम पर फैसला नहीं 

कैबिनेट की बैठक में कालेज के फर्स्ट व सेकेंड ईयर के छात्रों के एग्जाम को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ, जबकि 60 हजार से ज्यादा छात्र इस पर फैसले का इंतजार कर रहे थे। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि फर्स्ट व सेकेंड ईयर के छात्रों की परीक्षा व प्रोमोट करने पर तभी फैसला होगा, जब केंद्र व यूजीसी की ओर से कोई आदेश आएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है।


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