सुनील का मस्ती मैसअप मचा रहा धमाल, हिमाचली गीतों को नए अंदाज में गाकर डाली नई जान

बंगडिय़ां को 15 मिलियन, बिंदलू को 50 लाख मिल चुके हैं व्यूज

इसके चलते ही सुनील के गाने हिमाचली लोक संस्कृति के अब तक सबसे बड़े हिट टॉप-पांच गानों में शामिल होने में कामयाब रहे हैं। इसमें बंगडिय़ां को 15 मिलियन यानि एक करोड़ 50 लाख व बिंदलू को 50 लाख से अधिक वियूज मिल चुके हैं। वहीं, अब नए रिलीज गीत मस्ती मैसअप-2020 से खूब धमाल मचा रहे हैं। सुनील ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में संगीत विषय में एमफिल की पढ़ाई करते हुए हिमाचली लोक गाथाओं पर शोध भी प्रस्तुत किया है। जिससे ही अब हिमाचल की लोक संस्कृति से अधिक प्रभावित होते हुए राज्य के गीत-संगीत को नए अंदाज में जीविंत रखने के प्रयास में डटे हुए हैं।

हिमाचल गीत-संगीत के सितारे सुनील मस्ती जिला कांगड़ा के नगरोटा सूरियां के छोटे से गांव खब्बल के रहने वाले हैं। उनके पिता फकीर चंद किसान है, जबकि माता चंचला देवी गृहिणी है। सुनील की आंरभिक पढ़ाई स्थानीय स्कूल व कालेज का अध्ययन नूरपुर कालेज देहरी में हुई है। इसके साथ ही पंजाब युनिवर्सिटी चंडीगढ़ में पीजी व एमफिल का भी अध्ययन किया है। सुनील का संगीत के प्रति दिलचस्पी स्कूलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से बनी थी।

इसके बाद एमफिल में उन्होंने हिमाचली लोक संगीत गाथाएं पर शोध प्रपत्र भी किया। ्यू-टयूब में 50 लाख से अधिक व्यूज मिल चुके हैं, जबकि अन्य सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट में भी खूब धमाल मचाया। इसके बाद वर्ष 2019 में बंगडिय़ां गीत को भी नए अंदाज में पेश कर सुनील मस्ती ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए। आज के समय में बच्चे-बच्चे की जुबान पर बंगडिय़ां गीत बस चुका है। गीत को कुछ ही समय में 15 मिलीयन से भी अधिक एक करोड़ 55 लाख के करीब व्यूजज मिल चुके हैं।

बंगडिय़ां गीत हिमाचल के अब तक के सबसे बड़े हिट रहे लोक गीतों में टॉप-पांच में स्थान बनाने में कामयाब रहा है। अब सुनील का नए हिमाचल गीतों की लड़ी मस्ती मैसअप-2020 भी उनके यू-टयूब चैनल मस्ती रिकाडर्स में रिलीज किया गया है।
गीतों को सुनील व आशा ठाकुर ने आवाज दी है व अंकित नेगी ने म्युजिक दिया है। जबकि वीडियो व निर्देशन उनकी टीम ने ही किया है। सुनील मस्ती ने दिव्य हिमाचल के साथ खास बातचीत करते हुए बताया कि हिमाचली संस्कृति के गीतों को आगे ले जाने का उनका प्रयास है।