तकनीकी विश्वविद्यालय में अब हिस्ट्री पढ़ेंगे छात्र, अगले सत्र से कर सकते हैं स्टडी, बहु-विषयक कोर्स शुरू

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो — हमीरपुर Sep 19th, 2020 9:05 am

अब तकनीकी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी इंजीनियरिंग और फार्मेसी के विषयों के साथ इतिहास की पढ़ाई भी कर सकते हैं। जिस विद्यार्थी को इंजीनियरिंग व फार्मेसी के साथ इतिहास पढ़ने में रुचि होगी, वह इतिहास विषय भी पढ़ सकता है। तकनीकी विवि हमीरपुर अगले सत्र से बहु-विषयक कोर्स की व्यवस्था करेगा। यह बात तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का क्रियान्वयन ‘भारतीय इतिहास के परिपेक्ष में’ विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान के दौरान कही।

 शुक्रवार को तकनीकी विवि की ठाकुर राम सिंह शोधपीठ और अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना हिमाचल प्रदेश ने संयुक्त रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया। व्याख्यान में अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के संगठन मंत्री डा. बालमुकुंद पांडेय मुख्यातिथि और उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने बतौर कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में शिरकत की। कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर बल दिया गया है, जिसके लिए विश्वविद्यालय में बहु-विषयक कोर्सों को शुरू करने का प्रावधान हैं। इसी कड़ी में तकनीकी विवि भी आगामी सत्र से इतिहास विषय की भी शुरू करेगा।

वहीं उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने कहा कि 34 साल बाद आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इतिहास का दस्तावेज बनेगी। आज तक देश में जो भी शिक्षा नीति आए वह सभी अपूर्ण थी। वर्तमान केंद्र सरकार ने एक संपूर्ण राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाई है, जो 27 मुख्य बिंदुओं पर केंद्रित है। इस शिक्षा नीति में लोगों को भारतीयत्ता की जड़ों के साथ जोड़ने की बात कही गई है। व्याख्यान माला में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के अध्यक्ष डा. सुरेश कुमार सोनी, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना हिमाचल के देवराज शर्मा, डा. सूरत सिंह ठाकुर, तकनीकी विवि के कुलसचिव अनुपम ठाकुर, अधिष्ठता शैक्षणिक प्रो. कुलभूषण चंदेल, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. राजेंद्र गुलेरिया और अधिष्ठाता अभियंत्रिकी डा. धीरेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति नए युग का परिवर्तन

ऑनलाइन व्याख्यान के मुख्यातिथि एवं अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के संगठन मंत्री डा. बालमुकुंद पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति नए युग का परिवर्तन हैं। शिक्षा नीति में स्थानीय और भारतीय भाषाओं में शिक्षा देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि अब कैमिस्ट्री के साथ हिस्ट्री भी विद्यार्थी पढ़ पाएंगे, जो विद्यार्थी को पूर्ण मानव बनाने में सहायक सिद्घ होगी।


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