रोहतांग टनल में इनका भी है योगदान

तीन अक्तूबर को लाहुल-स्पीति के कई नेताओं का सपना साकार होने जा रहा है, जब अटल  टनल का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जहां यह टनल लाहुलवासियों को सर्दियों में भी कुल्लू के संपर्क बनाए रखने में भारी मददगार होगी, वहीं पर सामरिक दृष्टि से लेह-लद्दख जाने के लिए समय की बचत होगी। जहां करीब छह महीने के लिए लाहुलवासी शेष भारत से कटे रहते थे, अब अटल रोहतांग टनल के निर्माण से उस असुविधा से छुटकारा मिल जाएगा। हालांकि इस टनल के निर्माण के लिए हर नेता व सरकार अपना हक जता रही है, लेकिन इसके पीछे जिन शख्सियतों ने भारी मेहनत की आज उन लोगों का नाम अखबार की सुर्खियों में नहीं है। वर्ष 1967 में लाहुल-स्पीति के तात्कालीन विधायक ठाकुर देवी सिंह, जिहोंने वर्ष 1962 के इंडो-चाइना वार को देखते हुए रोहतांग पास को पार करने की बजाय इस पहाड़ के नीचे से सूरंग के बनाने का सपना रहा था, लेकिन आज उनका नाम हाशिए पर नहीं है।

  वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के केलांग आगमन पर विधायक देवीसिंह ठाकुर ने उन्हें रोहतांग टनल निर्माण बारे ज्ञापन सौंपा, लेकिन 31 अक्तूबर को 1984 को उनकी हत्या करने बाद जब राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला तो वर्ष 1985 में वह कुल्लू आए। उस समय हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, लाहुल-स्पीति के विधायक ठाकुर देवी सिंह, राजीव गांधी के साथ रहे। उन्होंने उस समय ठाकुर देवी सिंह के क ंधे पर हाथ रखकर कहा कि आपका काम हो गया है, जब विधायक ठाकुर देवी सिंह को पता चला कि रोहतांग टनल निर्माण प्रस्ताव को कें्रद सरकार की हरी झंडी मिल गई है तो खुशी का ठिकाना न रहा सरकारें बदली और 26 मई, 2002 को तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के कार्यकाल में उनके कुल्लू आगमन पर बाहंग में अप्रोच रोड़ टू रोहतांग टनल की आधारशिला रखी गई। लाहुल-स्पीति पूर्व विधायक रघूवीर सिंह ठाकुर  एवं पूर्व अध्यक्ष हिमाचल वूल फेडरेशन ने प्रेस को दी गई। विज्ञप्ति में बताया कि आजकल जो नेता अटल रोहतांग टनल के निर्माण को लेकर जिन लोगों को सम्मानित कर रहे हैं, चाहे वे कांग्रेस या फिर भाजपा के हें, उन लोगों को कैसे भूल गए हैं, जिन्होंने इस टनल के निर्माण के लिए अहम भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा कि 25 अगस्त, 2005 को तत्कालीन सांसद प्रतिभा सिंह के नेतृत्व में लाहुल-स्पीति से कांग्रेस लोगों का प्रतिनिधित्व मंडल राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से मिले। उन्होंने बताया कि छह सिंतबर, 2005 को भारत सरकार ने रोहतांग टनल निर्माण को मंजूरी दे दी। उस समय 8.8 किलोमीटर लंबी सूरंग के लिए 1335 करोड़ रुपए किए गए। उन्होंने कहा कि दिल्ली जाने वाले इस प्रतिनिधिमंडल में तात्कालीन सांसद प्रतिभा सिंह, नौरबू बौध, राजिंद्र कारपा, शाकिया बौध, ज्ञानसिंह बौध, धर्मपाल, एसपी ज्ञामजो, संसार चंद, नौरबू थालपा, सोमदेव, सोनम लामा व नवांग बौध इत्यादि लोग शामिल थे।

पूर्व विधायक रघुवीर सिह ने कहा कि जिस तरह से भाजपा व कांग्रेस पार्टी के लोग भी रोहतांग टनल निर्माण के संबंध में बेतुकी ब्यानबाजी कर रहे हैं, उससे उन्हें बचना चाहिए और हकीकत को जग जाहिर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पूर्व सांसद प्रतिभासिंह व लाहुल-स्पीति के पूर्व विधायक ठाकुर देवी सिंह ने इस टनल के निर्माण के लिए अहम भूमिका निभाई है उनका आज की राजनिति में कहीं नाम नहीं हैं।