यहां मरीजों को चारपाई का सहारा

चार सालों से अधर में लटकी डीम-रुमाली सड़क, मूलभूत सुविधाओं को भी तरस रहे लोग

दुर्गम क्षेत्र डीम की जीवन रेखा कही जाने वाली पीडब्ल्यूडी के निरमंड मंडल की दलाश सब-डिवीजन के तहत निर्माणधीन सड़क रुमाली से डीम के निर्माण कार्य पर क्षेत्र की जनता ने सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तीन करोड़  88 लाख रुपए की अनुमानित लागत से सवा छह किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य किया जाना था, जिसका भूमिपूजन वर्ष 2016 में किया गया था, जबकि इसके पूरा होने का समय जुलाई, 2018 तय था,  जबकि कछुआ गति से चल रहे कार्य के चलते अभी तक 20 से 30 प्रतिशत ही काम ठेकेदार ने किया है।

वहीं, विभाग निर्माण कार्य के बदले ठेकेदार को करीब 60 से 70 प्रतिशत का भुगतान कर भी चुका है। पंचायत समिति आनी के पूर्व उपाध्यक्ष यज्ञदत्त ठाकुर का कहना है कि इस सड़क के निर्माण से बुछैर और लझेरी पंचायतों के दुर्गम गांवों शिलआरण, थनाच, उपरला थनाच, अनुसूचित जाति की बस्ती जाखनाली, खवाड़ी, जाजू, डीम, छलाली और बांडा आदि गांवों की करीब 1200 आबादी लाभान्वित होनी थी, लेकिन सढ़क का काम पूरा न होने के चलते उपरोक्त गांव की जनता को आजादी के सात दशकों बाद भी मरीज को कई किलोमीटर तक चारपाई पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ रहा है, जबकि सेब सीजन में सेब की एक क्रेट का सड़क तक पहुंचाने का भाड़ा ही 100 रुपए देना पड़ रहा है।

पंचायत समिति आनी के पूर्व उपाध्यक्ष यज्ञदत्त ठाकुर सहित पूर्व प्रधान जवाहर लाल, पूर्व प्रधान राम लाल, पूर्व वार्ड पंच ठाकुर, दविंद्र सिंह,  डीम बूथ के बीएलए डावे राम, बूथ अध्यक्ष  धर्मदास,  केहर सिंह, डीम गांव के वार्ड सदस्य गोपाल दास, राम सिंह, रोशन लाल, विक्रम राज, धनीराम आदि का कहना है कि सड़क निर्माण में तेजी लाने को लेकर कई बार निरमंड जाकर एक्सईएन से मिले, एसई रामपुर से भी मिले,  लेकिन केवल आश्वासन ही मिले हैं।

अब ग्रामीणों ने मांग की है कि इस सड़क के निर्माण कार्य की जांच की जाए। ग्रामीणों ने चेताया है कि अगर सड़क का निर्माण कार्य जल्द पूरा न किया गया तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे। उधर, रजनीश बहल, एक्सईएन लोनिवि  निरमंड का कहना है कि ठेकेदार से पत्राचार किया जा रहा है। साथ इस लेकर कानूनी पहलु पर भी गौर किया जा रहा है। जल्द ही सड़क निर्माण को लेकर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।