दालों के दामों ने बिगाड़ा रसोई का जायका

By: सूरत पुंडीर-नाहन Oct 31st, 2020 12:21 am

कोरोना अवधि के दौरान प्याज व आलू के आसमान छूते दामों में भले ही सप्ताह भर में हल्की सी गिरावट आई हो, परंतु आम लोगों की रसोई में अब दालों का जायका भी फीका पड़ने लगा है। दालों के दामों में पिछले करीब एक से दो सप्ताह के बीच वृद्धि से आम आदमी परेशान है। महिलाओं की रसोई का बजट बिगड़ गया है। ऐसे में अब लोगों के घरों में दालों ही महक भी कम होती नजर आ रही है। भले ही कोरोना के आरंभिक दौर में खाद्य पदार्थों के मूल्यों में इतनी वृद्धि नहीं हुई, परंतु पिछले कुछ दिनों से जहां प्याज के दाम 70 से 80 रुपए प्रतिकिलो पहुंच गए थे, वहीं दालों ने भी अब लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। सिरमौर जिला में यदि दालों के मूल्यों की बात की जाए तो रिटेलर द्वारा दालों को पांच से सात प्रतिशत के मार्जन मुनाफे पर बेचा जाता है। बावजूद इसके होलसेल के रेट में हो रही बढ़ौतरी का असर रिटेलर के बाद आम ग्राहकों पर भी पड़ना शुरू हो गया है। जिला प्रशासन व विभाग को सरकार द्वारा बाकायदा मार्जन को चैक करने व स्टॉक को चैक करने की शक्तियां दी गई हैं, परंतु फिर भी व्यापारी शहर की गलियों व ग्र्रामीण क्षेत्रों में दालों के क्या रेट वसूल रहे हैं इसको लेकर फिर भी आम ग्राहकों की जेब पर डाके की संभावना रहती है। सिरमौर जिला में दालों के मूल्य को लेकर जिला मुख्यालय नाहन के व्यापारियों से जब दाम पूछे गए तो सबसे महंगी दालों में दली उड़द, दली मूंग व धुली उड़द 120 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बाजार में बेची जा रही है। ऐसे में स्पष्ट है कि आम लोगों का बजट बिगड़ना स्वाभाविक है। गरीब तबके की सबसे पसंदीदा दाल मानी जाने वाली मलका भी अब 70 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच गई है।

 इसके अलावा मसरी की दाल नाहन में 80 रुपए प्रतिकिलो बेची जा रही है। राजमाह भी 120 रुपए प्रतिकिलो की दर से बिक रहे हैं। इसके अलावा साबुत मूंग व साबुत उड़द की दाल 110 रुपए प्रतिकिलो की दर से बेची जा रही है, जिसके चलते अब आम ग्राहक राजमाह, दली उड़द, मूंग व धूली उड़द जैसी दालों की खरीददारी से परहेज करने लगे हैं। इसके अलावा दाल चना 70 रुपए, सफेद चना 90 रुपए प्रतिकिलो तथा काला चना 70 रुपए प्रतिकिलो की दर से बेचा जा रहा है। शहर के व्यापारियों का कहना है कि कोरोना के दौरान दालों के रेट में कोई इजाफा नहीं हुआ था, परंतु करीब एक माह से उड़द, मूंग आदि दालें 10 से 15 रुपए प्रतिकिलो महंगी हुई हैं। व्यापारियों का कहना है कि मार्केट में जिस हिसाब से बाहर से दालें आती हैं उसी दर से मार्जिन मनी सरकार व विभाग द्वारा तय किया जाता है तथा व्यापारी भी उसी तर्ज पर उपभोक्ताओं को दालें बेचते हैं। जानकारी के मुताबिक कुल होलसेल व्यापारी बाजार में दालों के अधिक दाम होने के चलते दालों का स्टॉक बढ़ा देते हैं जिसके चलते वह अधिक मुनाफा कमा लेते हैं। उधर, इस संबंध में जिला सिरमौर के जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक आदित्य बिंद्रा से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न खाद्य वस्तुओं के मार्जिन मनी फिक्स किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग समय-समय पर बाजारों में छापेमारी करता है तथा मार्जिन मनी व स्टॉक की भी चैकिंग की जाती है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को भी इस मामले में विभाग, प्रशासन व सरकार द्वारा तय नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीडीएस की सप्लाई में दालों के दाम निश्चित रहते हैं, परंतु बाजारों में व्यापारी विभाग व सरकार द्वारा तय किए गए मार्जिन पर ही बिक्री कर सकते हैं।


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