25 से 31 तक धारा 144 लागू

 कुल्लू-25 से 31 अक्तूबर तक आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दशहरा 2020 के सुचारू आयोजन को लेकर जिला दंडाधिकारी कुल्लू ने धारा 144 के अंतर्गत आदेश जारी किए हैं। आदेश के अुनसार श्री रघुनाथ एमनाली की माता हिडिंबा, नग्गर की माता त्रिपुरा सुंदरी, खराहल घाटी के देवता बिजली महादेव, पीज के देवता जमलू, खोखण के देवता आदी ब्रह्मा  सैंज, रैला के देवता लक्षमी नारायण तथा ढालपुर के देवता बीरनाथ को सीमित संख्या में बजंतरियों, गुर, पुजारी, कारदार, हारियान सहित दशहरा उत्सव में भाग लेने की अनुमति प्रदान की गई है। इनकी संख्या को एसडीएम की अध्यक्षता वाली समिति ने निर्धारित की है। इन व्यक्तियों की आवाजाही संबंधित देवता के बैठने के स्थल तक प्रतिबंधित की गई है। आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक देवता के कारदार 23 अक्तूबर से पूर्व देवता के साथ रहने वाले लोगों की सूची प्रस्तुत करेंगे, ताकि स्वास्थ्य अधिकारी कोविड-19 के तहत इन व्यक्तियों के सैंपल ले सकें। उक्त देवताओं के अलावा, कोई भी देवता उत्सव में भाग नहीं ले सकेंगे। उत्सव के पहले और अंतिम दिन रथ यात्रा के दौरा ढालपुर मैदान का आंतरिक व बाह्य भाग को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा।

रथ यात्रा में केवल वही लोग भाग ले सकेंगे, जिन्हें इसकी अनुमति होगी। आदेश के अनुसार भगवान रघुनाथ जी की यात्रा में हारियानों व देवलुओं सहित केवल 200 श्रद्धालु ही भाग ले सकेंगे और सभी की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए। इस दौरान सभी लोग फेसकवर व दस्ताने पहने हों तथा सामाजिक दूरी को बनाए रखना होगा। श्रद्धालु व आगंतुक देवता परिसर अथवा ढालपुर मैदान में निर्धारित प्रवेश द्वार से ही आ-जा सकेंगे। सभी को सार्वजनिक स्थलों पर हर समय फेस कवर अथवा मास्क पहन कर रखने होंगे। देवताओं के साथ आए सभी श्रद्धालुओं को अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी रखनी होगी, आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा तथा किसी प्रकार की बीमारी के बारे तुरंत चिकित्सकों को बताना होगा। लोग केवल फेस कवर अथवा मास्क पहन कर ही प्रवेश पा सकेंगे जिला दंडाधिकारी ने बताया कि यह आदेश महामारी के संकट को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं। आम जनमानस की सुरक्षा के लिए दशहरा उत्सव में केवल परम्पराओं का ही निर्वहन किया जाएगा। परंपराओं के निर्वहन संबंधी निर्णय दशहरा समिति द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया है।  यह आदेश 23 से 31 अक्तूबर 2020 तक लागू रहेंगे।