अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग

By: -रूप सिंह नेगी, सोलन Oct 12th, 2020 12:06 am

तब्लीगी जमात पर मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने सही कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का सर्वाधिक दुरुपयोग हुआ है। देखा जाए तो ऐसा लगता है कि मीडिया का एक वर्ग कथित तौर से झूठी व मनघड़ंत कहानियां बना कर  घर्म व जाति से संबंधित मुद्दों पर मिर्च-मसाला लगा कर देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश करता रहा है।

क्योंकि अब पानी सिर से ऊपर चढ़ गया है तो सरकार को एक स्वायत्त नियामक प्राधिकरण का गठन करना चाहिए ताकि पारंपरिक प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा सके और पत्रकारिता के एथिकल कोड्स को ठेंगा दिखाने वाले, नफरत फैलाने वाले, झूठे  समाचार, पेड व फेक न्यूज देने वालों पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके। तभी देश की भोली-भाली जनता को गुमराह होने से बचाया जा सकेगा। यदि ऐसे मीडिया पर सरकार नकेल नहीं कसती तो फिर हम जनता के पास ऐसे चैनलों का बहिष्कार करने का एकमात्र विकल्प बचता है।


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