अधिवक्ताओं ने दिया धरना

By: टीम — सरकाघाट, पटड़ीघाट, रिवालसर Oct 31st, 2020 12:26 am

सड़क की बदहाली को लेकर कलखर चौक पर किया सांकेतिक प्रदर्शन, स्थानीय लोगों ने भी दिया साथ

सरकाघाट बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं तेग सिंह ठाकुर, पूर्व जिला परिषद सदस्य अधिवक्ता नरेश वालिया, दुर्गा सिंह,  पूर्व सैनिक कृष्ण चंद, प्रवीण कुमार अधिवक्ता और बृजेंद्र कुमार सहित अन्य लोगों ने शुक्रवार को प्रातः छह बजे अपना पूर्व निर्धारित धरना जाहु-नेरचौक-सड़क की कलखर से जाहु तक की बदहाली बारे  अधिवक्ता तेज सिंह ठाकुर की अगवाई में शुरू कर दिया। एसडीएम सरकाघाट जफर इकबाल को एक नोटिस जारी करके अधिवक्ताओं ने एसडीएम को सूचित किया था कि वे स्वतंत्र भारत के नागरिक हैं और उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का पूरा अधिकार है और वे आगामी 30 अक्तूबर को कलखर-नेरचौक सड़क की बदहाली के विरोध में सुबह छह से शाम के छह बजे तक शांतिपूर्ण ढंग से धरना देकर प्रदेश सरकार से अधिवक्ता तेज सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में विरोध प्रकट करेंगे। एसडीएम को लिखे हुए ज्ञापन में उपरोक्त सभी अधिवक्ताओं ने कहा था कि कलखर से नेरचौक सड़क करीब 70 वर्ष पुरानी है और यह सड़क पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, धर्मपुर उपमंडल, सरकाघाट उपमंडल, मनाली जालंधर और प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों मुरारी देवी और नैनादेवी मंदिरों को भी जाती  है तथा यह सड़क सेना की आवाजाही के लिए भी प्रयोग की जाती है।

इसके बावजूद प्रदेश सरकार द्वारा न तो इस सड़क को समय की जरूरत समझते हुए चौड़ा किया गया है और न ही इसकी गत 12 वर्षों से मरम्मत और टायरिंग की गई है और यदि सरकार और लोक निर्माण विभाग इस धरने से भी नहीं जागा, तो अनिश्चित काल के लिए इस धरने को भी बढ़ाया जाएगा और इसे जनांदोलन के रूप में बढ़ा दिया जाएगा। धरने पर बैठे अधिवक्ताओं ने बताया कि वे शुक्रवार शाम तक सांकेतिक धरना दे रहे हैं और उसके बाद अगर सड़क की दशा नहीं सुधरेगी तो वे इस आंदोलन को लेकर जनमत तैयार करेंगे। धरना आरंभ होने पर अधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, राज्यपाल को भी ज्ञापन दिया है। अधिवक्ताओं ने कलखर के चौक पर सरकार और लोक निर्माण विभाग को सद्बुद्धि देने के लिए हवन किया। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने भी अधिवक्ताओं के साथ धरना दिया।

भारी वाहनों से पुल को खतरा

गागल।  बल्ह उपमंडल में सुकेती खड्ड पर स्थित गुटकर बैहना पुल भारी वाहनों की आवाजाही से रोज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। इस पुल पर रोज दर्जनों भारी हाइवा टिप्पर पत्थर और बोल्डर से लदे गुजर रहे हैं, जिनका समग्र वजन बीस से पच्चीस टन होता है। इन टिप्परों के गुजरती बार पुल पर भारी कंपन स्पष्ट महसूस किया जा सकता है। हैरानी की बात है कि पुल के दोनों छोर पर लोक निर्माण विभाग ने सूचना पट्ट लगा कर वाहन चालकों की सचेत किया है कि यह पुल केवल 11.40 टन भार वहन करने की क्षमता रखता है,  लेकिन इसके बावजूद फोरलेन निर्माण में लगे बोल्डर से लदे भारी हाइवा टिप्पर धड़ल्ले से इस पुल से गुजर रहे हैं। स्थानीय निवासी हरि सिंह, प्रेम सिंह, तिलक राज, धीरज, रूप लाल, प्रकाश, लेख राज, धर्म सिंह, राजू, हंस राज वेद राम आदि ने विभाग से अविलंब संज्ञान लेकर इस पुल के अस्तित्व को बचाने का उपाय करने की मांग की है। इस बारे में लोक निर्माण विभाग के नेरचौक सब-डिवीजन के एसडीओ सुरेश पाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस बारे निर्देश सूचक पट्ट पुल के दोनों ओर लगवा दिए हैं। नियमों की अवहेलना करने वालों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।


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