अजौली पंचायत बनी स्वच्छता में रोल मॉडल

पंचायत की साफ-सुथरी गलियां बाहें खोले करती हैं आगंतुकों का स्वागत, कूड़ा संयंत्र लगाने पर खर्च हुए 20 लाख

ऊना विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत अजौली में स्वच्छता की मिसाल बनकर उभरी है। पंचायत की साफ-सुथरी गलियां बाहें खोले आगंतुकों का स्वागत करती हैं, लेकिन यह तस्वीर पहले ऐसी न थी। कुछ साल पहले तक यहां की गलियों में गंदगी का अंबार लगा रहता था, लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों की कड़ी मेहनत, स्थानीय निवासियों के सहयोग तथा सरकार द्वारा मुहैया धनराशि के सही इस्तेमाल से यहां के वातावरण में बड़ा परिवर्तन आया। ग्राम पंचायत अजौली के 400 से अधिक घरों से कूड़ा एकत्रित कर पंचायत घर के समीप बने एक शैड में लाया जाता है। जहां पर तीन मशीनों की मदद से कूड़ा छांट कर अलग किया जाता है।

बायो मेडिकल वेस्ट का निपटारा बिजली से चलने वाली मशीन में डालकर किया जाता है। कूड़े से निकले प्लास्टिक के सामान को मशीन में डालकर उसके छोटे-छोटे टुकड़े किए जाते हैं और इन प्लास्टिक के टुकड़ों को बद्दी में प्लास्टिक की रिसाइकिलिंग करने वाली फैक्ट्ररियों को बेच दिया जाता है, जिससे पंचायत को नियमित आय हो रही है। कंपोस्ट मशीन की निवारण क्षमता 150 किलोग्राम प्रतिदिन है और इससे हर रोज 15 किलो खाद प्राप्त होती है। बीडीओ ऊना रमनवीर चौहान बताते हैं कि ग्राम पंचायत अजौली में ठोस कूड़ा संयंत्र लगाने पर लगभग 20 लाख रुपए खर्च किए गए।

शैड बनाने पर छह लाख और तीन मशीनों की खरीद पर 12.50 लाख रुपए खर्च किए गए। हर परिवार को हरा तथा नीला कूड़ादान उपलब्ध करवाने के लिए 2.5 लाख रुपए व्यय किए गए, ताकि हर घर गीले तथा सूखे कूड़े को अलग-अलग इकट्ठा कर सके। पंचायत में ठोस कूड़े के अलावा गंदे पानी का निपटारा करने के लिए अंडरग्राउंड नालियां बनाई गई हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत पंचायत को प्राप्त 20 लाख रुपए की मदद से अंडरग्राउंड नालियों का निर्माण किया गया है, जिसका पानी तालाब में एकत्रित किया जाता है।