टैंक के साथ बांध दिए पशु

मंड में बरोटा-ठाकुरद्वारा पेयजल योजना के पास गंदगी ही गंदगी, जल शक्ति विभाग पर सवाल

 ठाकुरद्वारा-हिमाचल सरकार जनता को पानी की सुविधा देने के लिए जल शक्ति विभाग को करोड़ों रुपए दे रही है और जगह-जगह नई पेयजल योजनाए स्थापित की जा रही है और पुरानी पेयजल योजनाओं की दशा को सुधारा जा रही है। जल शक्ति विभाग उपमंडल इंदौरा के तहत बरोटा-ठाकुरद्वारा पेयजल योजना विभाग की अनदेखी का शिकार होती दिखाई दे रही है। मंड क्षेत्र की सबसे पुरानी  प्रमुख पेयजल योजना की दशा को सुधारने में जल शक्ति विभाग आज तक नाकाम ही सिद्ध हुआ है। इस योजना पर तीन गांवों की लगभग दस हजार जनता निर्भर है। इस योजना के आसपास विभाग चारदीवारी तक नहीं लगवा पाया है। इसके चलते कुछ ग्रामीण टैंकों के पास अपने पशुओं को दिन-रात बांध रहे है। यही नहीं, रोड के किनारे ओर पेयजल योजना के बाहर स्थानीय लोगों ने विभाग की जमीन पर जगह-जगह ईंट और रेत-बजरी के भी ढेर लगा रखे हैं । यही नहीं, रोड की तरफ  तो कई लोगों ने जल शक्ति विभाग की जमीन पर तूड़ी के कुप्प बना रखे है ।  हैरानी की बात यह है कि लोग पशुओं को बांधने के साथ-साथ गदंगी फैला रहे हैं।

साथ ही अंदर लगे नलकूप से पशुओं को पानी भी पिला रहे हैं। अगर भवन की बात करे तो भवन भी पूरी तरह जर्जर हो रहा है और दरवाजे और खिड़कियां भी जर्जर हो चुकी हैं। बिजली की वायरिंग भी उखड़ चुकी है। शाम को आम के पेड़ों के नीचे शराबियों को जमाबड़ा लगना शुरू हो जाता है।  इस संबंध में जब ठेकेदार मनजीत ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पेयजल योजना वाली जगह के साथ लगती जमीन के मालिक के साथ कुछ विवाद था जो कि अब मामला सुलझ चुका है और बिभाग ने भी काम शुरू करने के आदेश दे दिए हैं। इस संबंध में जब जल शक्ति बिभाग उपमंडल इंदौरा के एसडीओ आनंद बलोरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैंने कुछ दिन पहले पेयजल योजना बरोटा ठाकुरद्वारा का दौरा किया था और वहां पर तैनात कर्मचारियों को हिदायत दी थी कि लोगों को पेयजल योजना की जमीन पर पशु बांधने से मना करें। साथ ही तूड़ी के कुप्पो के मालिकों से भी जमीन साफ करने के आदेश दिए। यदि ऐसे मामले हैं, तो कब्जा जमाए बैठे लोगों पर कारवाई की जाएगी।