Bulk Drug Park: बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए लगा कंसल्टेंट

By: विशेष संवाददाता — शिमला Oct 27th, 2020 12:06 am

केंद्र सरकार ने आईएफसी कंपनी को सौंपा जिम्मा; सभी राज्यों को तय नियमों के तहत मिलेंगे नंबर, पहले तीन को मिलेगा प्रोजेक्ट

तीनों प्रदेशों को मिलेंगे एक-एक हजार करोड़ रुपए; दिल्ली गए अफसर, आज खुलेगी बिड

बल्क ड्रग फार्मा पार्क के लिए केंद्र सरकार ने अपना कंसल्टेंट लगा दिया है। आईएफसी कंपनी को कंसल्टेंसी का काम दिया गया है, जो कि सभी राज्यों को तय नियमों के तहत नंबर देगी। पहले तीन स्थानों पर रहने वाले राज्यों को ही बल्क फार्मा ड्रग पार्क हासिल हो सकेगा। तीनों को एक-एक हजार करोड़ रुपए की राशि मिलेगी, जिससे वह आधारभूत ढांचा खड़ा कर सकेंगे। देखना यह है कि हिमाचल इस दौड़ में कहां रहता है। हिमाचल प्रदेश ने पूरा जोर लगाया है और जो तय मापदंड हैं, उसे पूरा करने के लिए प्रयास किए गए हैं। सोमवार को उद्योग विभाग के अधिकारी दिल्ली गए हैं, क्योंकि मंगलवार को वहां बिड खुलेगी। जिस राज्य ने जो रेट कोड किए होंगे, उन्हें देखा जाएगा। इसके लिए विशेष रूप से कंसल्टेंट लगाया गया है जो पहले तीन राज्यों का चयन करेंगे। प्रदेश की दावेदारी बल्क फार्मा ड्रग पार्क को हासिल करने के लिए पुख्ता है। करीब छह महीने से अधिकारी इस काम में डटे हुए थे, जिनकी मेहनत रंग ला सकती है। क्योंकि हिमाचल प्रदेश फार्मा का हब है, जिसकी दावेदारी पुख्ता है।

पहले नालागढ़ के लिए इसे प्रस्तावित किया गया था, मगर अब ऊना के लिए इसका प्रस्ताव रखा गया है। केंद्र ने हिमाचल को यह फार्मा पार्क दिया, तो इसके लिए एक हजार करोड़ रुपए मिलेंगे, जिससे यहां उद्योग जगत में बड़ा बदलाव होगा। अभी तक बद्दी बड़ा फार्मा हब है, जहां से विदेशों को भी दवाइयां सप्लाई हो रही हैं। नामी कंपनियां यहां हैं। फार्मा पार्क से ऊना में भी बहार आ जाएगी और वहां भी फार्मा की बड़ी कंपनियों का निवेश होगा।

ऊना शहर के लिए बदला प्रस्ताव

प्रदेश सरकार ने ऊना जिला के लिए इसलिए प्रस्ताव बदला है, क्योंकि वहां आधारभूत ढांचा अधिक है और कनेक्टिविटी काफी ज्यादा है। रेललाइन का भी वहां फायदा मिलेगा, जिसके अलावा वहां पानी की भी सुविधा काफी ज्यादा है। बद्दी में आधारभूत ढांचा महंगा था, जबकि ऊना में सस्ता पड़ेगा। ऐसे में ऊना में इसका प्रस्ताव है, मगर केंद्र सरकार का रुख देखना होगा। वैसे एक फॉरमेट केंद्र सरकार ने बना रखा है, जिस पर राज्यों को अंक दिए जाएंगे। उस पर हिमाचल कितना खरा उतरता है, यह देखना होगा। मुकाबला यहां आधारभूत सुविधाएं देने का है। बिजली की दर क्या होगी, जमीन किस भाव मिलेगी, पानी का रेट क्या होगा। इन दरों को लेकर ही राज्यों के बीच मुकाबला रहेगा, जिसकी लड़ाई हिमाचल भी लड़ रहा है। मंगलवार को बिड ओपन होने के बाद काम शुरू हो जाएगा।


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