क्वालिटी एजुकेशन से काबिल बनेंगे बच्चे

कुल्लू-राष्ट्रीय शिक्षा नीति बच्चों को सर्वांगीण विकास करने तथा उन्हें रोजगारपरक बनाने में मददगार होगी। यह नीति देश को आत्मनिर्भर बनाने और आने वाले समय में विश्व समाज को नया रास्ता दिखाने वाली होगी। ये विचार शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुल्लू के सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति.2020 पर आयोजित राज्य स्तरीय सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। सेमिनार में प्रदेश के विभिन्न कालेजों व स्कूलों के शिक्षकों ने भाग लिया। गोविंद ठाकुर ने कहा कि भारतवर्ष में तक्षशिला व नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे, जहां बच्चों में संस्कारयुक्त व रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने के साथ.साथ उनका सर्वांगीण विकास किया जाता था। उन्होंने कहा कि लॉर्ड मैकाले का काल भारतवर्ष के लिए काला इतिहास था जब उन्होंने इस देश में पश्चिमी मूल्यों वाली व समाज को तोड़ने वाली शिक्षा प्रणाली को प्रोत्साहित किया ताकि अंग्रेज सदियों तक भारतवर्ष पर राज कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को दी है वह देश व समाज में बड़ा बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि 2030 तक प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तायुक्त शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित बनाई जाएगी।
यह नीति सबके कल्याण की कल्पना करती है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार प्रत्येक राज्य में नया विश्वविद्यालय खोलेगी और इसके लिए धनराशि की भी व्यवस्था करेगी। मेरू नाम के इस विश्वविद्यालय में अनुसंधान व अध्ययन दोनों को महता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बच्चों में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्राप्त करने की सोच को अपने देश में ही पूरा किया जाएगा। इसके लिए विश्व के टॉप 100 विश्वविद्यालयों को भारतवर्ष में लाने की नीति है। भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ेए इसके लिए राष्ट्रीय अुनसंधान फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि दूरवर्ती शिक्षा तथा डिजिटल शिक्षा पर विशेष बल दिया जाएगा। गोविंद ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने से छात्रों की कम संख्या वाले कॉलेज बंद नहीं होंगे, बल्कि कलस्टर यूनिवर्सिटी के तहत कार्य करेंगे।