सीआईएल को नवंबर तक कोयले के उठाव में तेजी आने की उम्मीद

नई दिल्ली — देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बिजली संयंत्रों और गैर नियमित क्षेत्र के ग्राहकों के अधिक मात्रा में कोयले की खरीद करने में दिलचस्पी दिखाने पर उम्मीद जताई है कि नवंबर तक कोयले के उठाव में तेजी आ सकती है। सीआईएल के उत्पादन में अगस्त से तेजी आनी शुरू हो गई है, लेकिन इसकी बिक्री गत वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में सुस्त बनी हुई है।

कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के कारण मची अफरा-तफरी का असर कोल इंडिया के उत्पादन और बिक्री दोनों में देखा गया। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सीआईएल का उत्पादन गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 11.6 प्रतिशत घट गया तथा बिक्री में 21.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। सीआईएल की स्थिति में अगस्त से सुधार आनी शुरू हो गई। सितंबर 2019 की तुलना में सितंबर 2020 में कंपनी के उत्पादन में 31.6 प्रतिशत तथा बिक्री में 31.7 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।

वार्षिक आधार पर गत 20 अक्तूबर तक कंपनी के उत्पादन में पिछले साल की अवधि की तुलना में 0.04 मीट्रिक टन की तेजी दर्ज की गई। हालांकि, बिक्री के मामले में कंपनी इस अवधि में 4.9 प्रतिशत पीछे है। सीआईएल ने उम्मीद जताई है कि बिजली संयंत्रों तथा गैर नियमित क्षेत्रों के ग्राहकों के अधिक कोयला खरीद में दिलचस्पी दिखाने से अगले माह तक तस्वीर बदल सकती है और कंपनी की बिक्री के ग्राफ में भी तब बढ़त दिख सकती है। कंपनी ने साथ ही कहा कि ई-नीलामी में भी बिक्री में तेजी दर्ज की गयी है और इसका सकारात्मक असर कंपनी की कुल बिक्री पर दिखेगा।