कोरोना डकार रहा कर्मियों की पगार, दिवाली में समय पर वेतन चाहते हैं एचआरटीसी मुलाजिम

हिमाचल पथ परिवहन निगम की स्थापना तो कमाऊपूत के रूप में की गई थी, लेकिन समय के साथ-साथ कभी देनदारियों, तो कभी बसों की खस्ताहालत, तो कभी कुछ टांकामार कंडक्टरों की आदत ने निगम को हमेशा के लिए कंगाली के द्वार पर रखा। अब जो रही-सही कसर थी, वह इस बार कोरोना ने पूरी कर दी। परिणाम यह हुआ कि पहले तो एचआरटीसी कर्मियों खासकर ड्राइवरों-कंडक्टरों के ओवरटाइम और अन्य भत्ते ही रुकते थे, लेकिन अब कोरोना के कारण कर्मियों को समय पर वेतन के भी लाले पड़ने लगे हैं। निगम के मौजूदा समय में प्रबंधन से लेकर क्लेरिकल स्टाफ और ड्राइवरों-कंडक्टरों को मिलाकर 10 हजार कर्मचारी और अधिकारी हैं। पिछले करीब पांच महीनों से इन्हें समय पर पगार नहीं मिल पाई है।
कभी महीने की 12, कभी 15, कभी 20 तो कभी 24 तारीख को वेतन एचआरटीसी कर्मचारियों को मिल पा रहा है। जिस तरह से कोरोना के डर से लोग बसों में जाने से कतरा रहे हैं, अगर ऐसा ही चलता रहा, तो ऐसा न हो कि पिछले महीने का वेतन उन्हें अगले महीने में मिले। कर्मचारियों में भी इस बात का डर सताने लगा है। ड्राइवर-कंडक्टर यूनियनें इस बारे विचार-विमर्श कर आगामी नीति भी बनाने लगी हैं। इस बार भी जिस तरह महीने के आखिरी दिनों में इनको वेतन मिला है, उसे देखते हुए यूनियन के नेताओं ने निगम को पत्र लिख साफ कहा है कि अगले महीने 14 नवंबर को दीपावली है, ऐसे में वे नहीं चाहते कि यह खुशियों का त्योहार पगार न मिलने के कारण उन्हें मायूस करके जाए। एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश ठाकुर का कहना है कि 14 नवंबर को दीपावली का त्योहार है। निगम से मांग की गई है कि नवंबर में समय पर वेतन दिया जाए।