डीएवी कालेज में याद किए बापू, ऑनलाइन व्याख्यान में 80 विद्वान-प्राध्यापक हुए शामिल

डीएवी कालेज अमृतसर के इतिहास विभाग द्वारा गांधीवादी अध्ययन केंद्र के तहत अहिंसा, हिंसा एवं महात्मा गांधी पर ऑनलाइन व्याख्यान  का आयोजन किया। इस ऑनलाइन व्याख्यान में मुख्य वक्ता प्रो. अलोक बाजपाई  थे। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने असाधारण कार्यों एवं अहिंसावादी विचारों से पूरे विश्व की सोच बदल दी। आज़ादी एवं शांति की स्थापना ही उनके जीवन का एक मात्र लक्ष्य था। गांधी जी द्वारा स्वतंत्रता और शांति के लिए शुरू की गई इस लड़ाई ने भारत और दक्षिण अफ्रीका में कई ऐतिहासिक आंदोलनों को एक नई दिशा प्रदान की। सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह के पुजारी महात्मा गांधी का भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में अमूल्य योगदान रहा है।

 इस अवसर पर प्रिंसीपल डा. राजेश कुमार ने गांधी जी को याद करते हुए कहा की महात्मा गांधी ने पेशे से वकील होने के बावजूद देशवासियों की गरीबी और दुर्दशा देखकर धोती पहनना और चरखा चलाना शुरू किया, ताकि आम लोगों को चरखा से वस्त्र बनाने की सीख दी जा सके। विभाग मुखी डा. शिल्पी ने कहा कि जो भी व्यक्ति गांधी जी को जानने की कोशिश करता है, वह उसके अनुरूप बन जाता है। इस व्याख्यान में 80 से अधिक विद्वान और प्राध्यापक शामिल रहे।  इस अवसर पर स्टाफ सेक्रेटरी प्रोफेसर बीबी यादव, एडमिनिस्ट्रेटर प्रो. मीनू अग्रवाल, प्रोफेसर परवीन कुमारी,  प्रोफेसर जीएस सेखों, रजिस्ट्रार अनीता सेखरी भी वेबिनार में शामिल हुए।  विभाग के अन्य सदस्य डा. बाबुषा मैंगी, प्रोफेसर मोहित मेहरा, प्रोफेसर मुनीश सिंह, प्रोफेसर हरमन सिंह और हिमानी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।