धर्मशाला-अनूपगढ़ बस सेवा हो शुरू
पौंग बांध विस्थापित समिति ने मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को लिखी पाती
प्रदेश पौंग बांध विस्थापित समिति ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, परिवहन मंत्री विक्रम ठाकुर सहित जिलाधीश राहत एवं पुनर्वास राजा का तालाब को लिखित रूप में पठानकोट डिपो की पठानकोट-घड़साना बस सेवा तथा धर्मशाला डिपो की धर्मशाला-अनूपगढ़ बस सेवा को चलाने की मांग उठाई है। प्रदेश पौंग बांध विस्थापित समिति के प्रदेशाध्यक्ष हंसराज ने कहा कि करीब पांच हजार विस्थापितों का पुनर्वास अनूपगढ़, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, घड़साना, मोहनगढ़ इत्यादि में हुआ है तथा कई विस्थापितों को लॉकडाउन में भी अलॉटमेंट हुई हैं, जिनको 90 दिन के भीतर मुरब्बों के कब्जे लेने को कहा गया, लेकिन कोई भी बस सेवा न होने के कारण विस्थापित अलॉट हुए मुरब्बों का कब्जा नहीं ले सके। अब उनको 15 दिन के भीतर कब्जे लेने को कहा जा रहा है।
हंसराज ने कहा कि मार्च 2020 के बाद विस्थापित बस सेवा बंद होने के कारण अपनी जमीनों में नहीं जा सके हैं तथा अब बिजाई का समय चला हुआ है तो बिजाई करने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर कोई विस्थापित राजस्थान में निजी वाहन किराया पर करके जा रहा है, तो उसको 25 हजार से 30 हजार रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर विस्थापित गरीब हैं तथा इतना किराया वहन नहीं कर सकते हैं। कोरोनाकाल में सरकार ने सीधी बस सेवाओं को बंद किया था, लेकिन अब बसों को चलाया जा रहा है, लेकिन राजस्थान को जाने वाली पठानकोट-घड़साना बस सेवा तथा धर्मशाला-अनूपगढ़ बस सेवा को नहीं चलाया जा रहा है, जो कि विस्थापितों के हितों से खिलवाड़ है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व परिवहन मंत्री विक्रम ठाकुर से मांग उठाई है कि अतिशीघ्र उक्त दोनों बसों को शुरू किया जाए, ताकि विस्थापितों को आने-जाने में कोई परेशानी न हो।
बस सेवा बंद होने से विस्थापित परेशान
हंसराज ने कहा कि मार्च 2020 के बाद विस्थापित बस सेवा बंद होने के कारण अपनी जमीनों में नहीं जा सके हैं तथा अब बिजाई का समय चला हुआ है तो बिजाई करने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर कोई विस्थापित राजस्थान में निजी वाहन किराया पर करके जा रहा है, तो उसको 25 हजार से 30 हजार रुपए चुकाने पड़ रहे हैं।
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