फौजियों के पास नहीं थे हथियार, जनरलों ने जबरन जंग में झोंके, शरीफ का दावा
क्वेटा-पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने रविवार को कारगिल युद्ध को लेकर कुछ दावे किए। उनके दावों से जहां एक तरफ पाकिस्तान में सियासी पारा चढ़ने के आसार हैं, वहीं इंटरनेशनल लेवल पर पाकिस्तान की फजीहत होने की भी पूरी संभावना है।
शरीफ ने दावा किया कि कारगिल युद्ध में सैनिकों के पास हथियार नहीं थे, मगर कुछ जनरलों ने उन्हें युद्ध में झोंक दिया। बता दें कि कारगिल युद्ध के दौरान नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। नवाज शरीफ ने तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ पर इशारों में हमला करते हुए कहा है कि कारगिल में हमारे सैकड़ों जवानों को शहीद करवाने और पाकिस्तान को दुनिया में रुसवा कराने का फैसला फौज का नहीं था, चंद जनरलों का था, जिन्होंने फौज को ही नहीं देश और कौम को ऐसी जंग में झोंक दिया, जिसमें कोई फायदा नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि वह लम्हा मेरे लिए तकलीफ का था, जब मुझे मेरे बहादुर सिपाहियों ने बताया कि कारगिल की ऊंची चोटियों पर खुराक तो दूर की बात, हथियार तक नहीं भिजवाए गए। उन्होंने कहा कि इसके पीछे कुछ किरदार शामिल थे, जिन्होंने खुद को बचाने के लिए सेना और देश को युद्ध की आग में झोंक दिया। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने क्वेटा में विपक्षी दलों के तीसरे सबसे बड़े सरकार विरोधी जलसे के दौरान ये बातें कहीं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा पर भी निशाना साधा है। शरीफ ने बाजवा पर जनादेश चोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने इमरान खान को आवाम के मैंडेट के खिलाफ जाकर प्रधानमंत्री बनाया है। इसका उन्हें लोगों को जवाब देना होगा।
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