हाथ मिलाने से किया मना तो नहीं दी नागरिकता, मुस्लिम शरणार्थी से नाराज जर्मनी ने उठाया कड़ा कदम

By: एजेंसियां — बर्लिन Oct 20th, 2020 12:06 am

जर्मनी ने एक लेबनीज मुस्लिम डाक्टर की नागरिकता इसलिए रद्द कर दी, क्योंकि उसने नागरिकता के कागजात को लेते समय महिला अधिकारी से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था। उस व्यक्ति ने जर्मनी में ही रह कर पढ़ाई की थी और सरकार ने उसे नागरिकता भी दे दी थी, लेकिन हाथ न मिलाना उस पर भारी पड़ गया।

जर्मनी की सरकार के फैसले को मुस्लिम शरणार्थी ने कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने सरकार के फैसले को सही ठहराया और कहा कि सरकार को ऐसा करने का हक है। इसके पीछे कोर्ट ने तर्क दिया कि कागजात देने के बाद हाथ मिलाने का मतलब है कि आपका सरकार के साथ अनुबंध है और आप इसे स्वीकार करते हैं। हाथ मिलाने से मना करने का मतलब है कि आपको जिन शर्तों पर नागरिकता दी जा रही है, आप उसे नहीं मानते। ऐसे में सरकार की ओर से लिया गया फैसला बिलकुल सही है। कोर्ट ने जिस व्यक्ति के खिलाफ फैसला सुनाया। वे साल 2002 से जर्मनी में ही था और अपनी डाक्टरी की पढ़ाई भी उसने यहीं से की थी। यही नहीं, उसने जर्मन सरकार की सारी शर्तें भी मानी थी। उसने टेस्ट भी सबसे ज्यादा नंबरों से पास किया था और साल 2012 में आवेदन के बाद उसे अब नागरिकता मिल रही थी।

कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को जर्मनी के नियम कानून के हिसाब से ही नागरिकता मिलती है और हाथ मिलाना, तो जर्मन समाज में आम बात है, जिसे मना करने का मतलब है कि आप जर्मन समाज के हिसाब से नहीं चलना चाहते।


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