जायका का खूब फायदा उठा रहे ज्यूणी के किसान
किसान एक बीघा से कमा रहे हैं 40 हजार, फल, सब्जियों सहित अन्य का खूब हो रहा है उत्पादन, किसानों को मिल रहे बेहतर दाम
हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना, जापान इंटरनेशनल कोरपोरशन एजेंसी के सहयोग से हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में लागू की गई है। इस परियोजना के माध्यम से जिला मंडी में 62 उपपरियोजनाओं में 1261.46 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है । यह परियोजना राज्य सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र मे आवश्यक आधारभूत सरंचनाओं का विकास करते हुए फसल विविधिकरण को प्रोत्साहन देना व किसानों की आय को बढ़ाना है। प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के तहत मंडी उपमंडल में कुल 33 उपपरियोजनाओं में 872.02 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है ।
ज्यूणी घाटी में जायका द्वारा छह उपपरियोजनाएं संचालित है, जिसमें बहाव सिंचाई योजना छलाहार गुलाड़, करनाला, बदलीबाग, जेल खड़, जरवाडा खंडोली, झाबड़ गेर उपपरियोजनाएं सम्मलित हैं। इन उपपरियोजनाओं का कुल कृषि योग्य क्षेत्र 181.86 हेक्टेयर भूमि हैं, जिसमें करीब 785 किसान परिवार जायका परियोजना लाभ उठा रहे हैं। इनमें से करीब 415 किसान व्यावसायिक तौर पर नकदी सब्जियों का उत्पादन कर रहे है। उपपरियोजनाओ में मटर, आलू बंदगोभी, फुलगोभी, प्याज, धनिया जैसे नकदी सब्जियां लगाई जा रही है। परियोजना झाबड़ गेर के किसान योगिंद्र पाल , पवन कुमार, सुरेंदर पाल , मीना देवी गौतम सिंह, हेम राज छज्जू राम, नेक चंद, कुशाल सिंह, बसंत कुमार, रमेश चंद, दिनेश चंद जैसे बहुत से किसान जायका द्वारा सुविधाओं का फ़ायदा उठा रहे हैं। यहां के किसान खरीफ मौसम में बेमौसमी मटर का उत्पादन कर रहे है, जिसके उन्हें अच्छे दाम मिल रहे है व रबी मौसम में मटर और आलू का उत्पादन कर रहे हैं।
इन उप परियोजनाओं में करीब 50 हेक्टेयर के क्षेत्र में मटर का उत्पादन व्यावसायिक तौर पर हो रहा है, जिनके उन्हें 70 से 150 रुपए प्रति किलोग्राम दाम मिल रहे है। यहां के किसान एक बीघा से करीब 40000 रुपए कमा रहे हैं। इसी प्रकार उपपरियोजना छलाहार गुलाड़ खरीफ मौसम में मटर, टमाटर, फ्रांसबीन जैसे नकदी सब्जियां और रबी मौसम में लहसुन , मटर का उत्पादन कर रहे हैं। यहां के किसान कन्हैया लाल का कहना है कि उन्होंने इस वर्ष मटर से तीन बीघा से 90000 रुपए व चेत राम ने तीन बीघा से 85000 हजार तक रुपए कमाए है। यहां के किसान अपना उत्पाद चंडीगढ़, दिल्ली, जालंधर व लोकल सब्जी मंडी में बेचकर अपने उत्पाद का बेहतर दाम कमा रहे हैं। परियोजना के इन प्रगतिशील किसानों ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें नकदी फसलों के उत्पादन से इतना मुनाफा हो रहा है कि वे अगले वर्ष सब्जी उत्पादन में अपना क्षेत्र बढ़ाना चाहते हैं।
जिला परियोजना प्रबंधक मंडी डा. नवनीत सूद ने बताया कि किसानों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां जैसे समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम और प्रक्षेत्र प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था, जिसमें विभाग द्वारा सब्जियों की वैज्ञानिक रूप से खेती की गई थी। साथ ही साथ परियोजना के किसानों को अन्य लाभ जैसे कि निशुल्क बीज, पावर टिलर, ब्रशकट्टर, नैपसैक स्प्रे, स्प्रे पंप जैसी कृषि मशीनरी भी उपलब्ध करवाई गई। किसानों को वाणिज्यिक पैमाने पर सब्जियां उगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
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