क्‍या है कम्‍प्‍यूटर विजन सिंड्रोम

By: Oct 24th, 2020 12:17 am

कम्प्यूटर का  ज्यादा देर तक इस्तेमाल करने से आंखों को काफी नुकसान पहुंचता है। रोजाना 8 से 10 घंटे लगातार कम्प्यूटर स्क्रीन पर काम करने से आंखों पर काफी दबाव पड़ता है, जिससे परेशानी महसूस हो सकती है। कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण हैं, धुंधला नजर आना, चीजें डबल नजर आना, आंखें लाल होना, आंखों में खुजली, सिरदर्द, गर्दन या पीठ में दर्द आदि…

लॉकडाउन में लोग कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अधिकतर समय घर पर ही बिताने के लिए मजबूर है। वर्क फ्राम होम होने की वजह से उन्हें अधिक से अधिक समय  कम्प्यूटर पर बिताना पड़ रहा है, क्योंकि जब आप आफिस जाते हैं, तो जाने-आने का समय निकालने के बाद का समय जो तकरीबन 5 से 6 घंटे ही होता है। उतनी देर तक काम करते हैं। इसके अलावा घर पर रहते हुए परेशान होने पर लोग अधिकतर फोन या टीवी देखते रहते हैं।

इससे आंखो में जलन या खुजली जैसी परशानी लोगों में दिख रही है। सिर्फ  बड़े ही नही, बल्कि बच्चे भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। जो बच्चे ज्यादा देर तक टैबलेट्स पर वक्त बिताते हैं या स्कूल से जुड़े कामों के लिए कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें भी इस तरह की समस्या हो सकती है। कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम आंखों से जुडी एक समस्या है, जो घंटो लगातार लैपटॉप, टीवी और कम्प्यूटर के सामने बैठने से होती है। समय रहते इसका इलाज होना जरूरी है, नहीं तो दृष्टि की समस्या हो सकती है।

कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण

कम्प्यूटर का ज्यादा देर तक इस्तेमाल करने से आंखों को काफी नुकसान पहुंचता है। रोजाना 8 से 10 घंटे लगातार कम्प्यूटर स्क्रीन पर काम करने से आंखों पर काफी दबाव पड़ता है, जिससे परेशानी महसूस हो सकती है। कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण हैं, धुंधला नजर आना, चीजें डबल नजर आना, आंखें लाल होना, आंखों में खुजली, सिरदर्द, गर्दन या पीठ में दर्द आदि। डाक्टर का मानना है कि आजकल लोगों की नौकरी घंटों कम्प्यूटर या लैपटॉप पर काम करने की होती है। जब आप किताब पढ़ते हैं, तो आप 30 से 40 मिनट में उठते हैं और इधर-उधर जाते हैं, मगर कम्प्यूटर पर काम करने के दौरान ऐसा नहीं कर पाते। लोग घंटों नहीं उठते हैं इससे ही कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम होता है, जिसमें आंखों का सूखना, आंखों का लाल होना, आंखों से पानी निकलना और मांसपेशियों का कमजोर होना आदि शामिल हैं। आंखों को स्वस्थ रखने के कुछ सुझाव इस प्रकार हैं। हर आंधे घंटे में ब्रेक लेना जरूरी है और 5 से 10 बार आंखों को जल्दी-जल्दी झपकाना चाहिए, जिससे आंख के सभी हिस्सों में पानी पहुंच जाए और आंखों में नमी बनी रहे। चश्मा लगाकर ही काम करें। कम्प्यूटर, टीवी, मोबाइल का इस्तेमाल अंधेरे में न करें। डेस्कटॉप, लैपटॉप, मोबाइल को आंखों से सही दूरी पर रखें। आंखों में ड्राइनैस महसूस हो, तो आई ड्रॉप्स को इस्तेमाल करें। कम्प्यूटर पर काम करते हैं, तो बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें, आंखों का व्यायाम भी करें। आंखों को तेज रोशनी से बचाएं।


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