कंसा चौक मैदान में वुशू खिलाड़ी रोज बहा रहे पसीना

By: कार्यालय संवाददाता-मंडी Oct 26th, 2020 12:20 am

15 कोच सुबह पांच बजे पहुंच कर दे रहे खिलाडि़यों को सफलता के टिप्स, कई प्लेयर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीते मेडल

खेल को एक संगठित, प्रतिस्पर्धात्मक और प्रशिक्षित शारीरिक गतिविधि के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें प्रतिबद्धता तथा निष्पक्षता होती है। खिलाड़ी खेल मैदान में नियमित खूब पसीना बहाकर स्पर्धाओं में जीत हासिल करने के उतरता है।  हर गेम में अलग-अलग नियम निर्धारित है, जिसके अनुसार खिलाड़ी खेल गतिविधियों ने माध्यम से अपना भविष्य बना रहे हैं। वहीं प्रदेश के वुशू खिलाड़ी भी अपने प्रदर्शन के दम पर राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर रहे हैं, जिसके चलते हिमाचल प्रदेश के वुशू खिलाडि़यों ने सांसू व तालू प्रतियोगिता में 128 मेडल प्रदेश को दिलाए हैं।

इनमें 28 गोल्ड मेडल, 30 सिल्वर मेडल और 70 ब्राउंज मेंडल शामिल हैं। सभी मेडल हिमाचल प्रदेश वुशू संघ के खिलाडि़यों ने अपने दम पर लाए हैं। वुशू खेल को केंद्र व प्रदेश सरकार ने स्पोर्टस कोटे में शामिल करने पर खिलाडि़यों में रोचकता बढ़ गई है। जिसके चलते  प्रदेशभर के खिलाड़ी वुशू गेम में अपना भविष्य बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। वुशू गेम को स्पोर्टस कोटे  के तहत प्रदेश के 15 खिलाडि़यों को बेहतरीन पद नौकरी मिल चुकी है।  भले ही वुशू गेम के खिलाड़ी प्रदेश के लिए मेडल अर्जित कर रहे हैं।

लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा वुशू के लिए न ही कोई सरकारी कोच का प्रावधान किया गया है और न ही गेम का कोई सामान उपलब्ध है। मंडी जिला के कंसा चौक में स्थित एक्सीलेंसी सेंटर में खिलाडि़यों सुविधा से वंचित रहने के कारण मैदान के घास पर ही तैयार कर रहे हैं। जिसके चलते प्रदेश के वुशू खिलाडि़यों को काफी परेशानी होती है। हिमाचल प्रदेश वुशू संघ स्वयं खिलाडि़यों के लिए कदम उठा रहा है। प्रदेश में खिलाडि़यों के लिए न ही वुशू का रिना है न अन्य सामान। जिसके चलते वुशू के खिलाडि़यों को नेशनल व इंटरनेशनल स्तर के लिए तैयारी करने में दिक्कत रहती है।

संघ के कोच मेहनत से निखार रहे प्रतिभाओं को

केंद्र सरकार ने वुशू खेल के लिए एक्सीलेंसी सेंटर की स्वीकृति देने पर मंडी जिला के कंसा चौक में वुशू अकादमी ने अपना कार्य करना शुरू कर दिया है।  पहली बार हिमाचल प्रदेश वुशू खेल संघ द्वारा शुरू किए निःशुल्क वुशू खेल के तालू व सांसू स्पर्धा का प्रषिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण लेने के लिए प्रदेश की करीब तीन सौ खिलाडि़यों सब जूनियर, जूनियर व सीनियर वर्ग  में अपना पंजीकरण करवाया है।

खिलाडि़यों को प्रशिक्षित करने में हरियाणा राज्य के भारतीय खेल प्राधिकरण पटियाला में स्पोर्टस कोटे से शिक्षा ग्रहण कर रही दो बार की राष्ट्रीय खिलाड़ी प्रियंका व पांच बार की राष्ट्रीय खिलाड़ी कशिश ठाकुर, एनआईएस सर्टिफिकेट प्राप्त अजय कुमार व हिमाचल प्रदेश के तीन पुलिस जवान दुर्गा दत्त, मुरारी व काकू खिलाडि़यों को सुबह साढ़े पांच बजे से साढ़े सात बजे तक समस्त खिलाडि़यों को प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहे हैं। वहीं कुछ कोच शाम के दौरान भी खिलाडि़यों को निःशुल्क टिप्स दे रहे हैं।

300 ने करवाया पंजीकरण

इस बारे में प्रदेश वुशू खेल संघ के महासचिव पीएन आजाद का कहना है कि वुशू खेल की अकादमी ने प्रदेशभर के खिलाडि़यों को तैयार करने कदम उठाया है। अभी तक प्रदेश से 300 खिलाडि़यों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। खिलाडि़यों के लिए तकनीकी सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें पहली बार मंडी जिला के 15 कोच बनने के लिए भाग ले रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के समस्त जिलों के खिलाडि़यों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मांग की है कि वुशू गेम के लिए रिना की व्यवस्था की जाए।

रोज दिया जा रहा प्रशिक्षण

खिलाडि़यों को एनआईएस कोच चेत राम सहित अन्य हर रोज खिलाडि़यों को नितनियम ट्रेनिंग दे रहे है। बल्ह क्षेत्र के गांव कटयाहल गांव के चेत राम पुत्र नकबिंदु ने वुशू खेल को वर्ष 2003 से 2009 तक खिलाड़ी के बतौर खेलता रहा। इस दौरान 2004 में चेतराम ने पहला सीनियर नेशनल स्पर्धा झारखंड में खेलकर प्रदेश के लिए कांस्य पदक जीता। इसके उपरांत वर्ष 2010 में चेत राम ने एनएस एनआईएस पटियाला ने सर्टिफिकेट कोर्स व डिप्लोमा कोर्स किया। उक्त कोर्स के बाद काफी वर्षो से खिलाडि़यों को वुशू गेम का प्रशिक्षण दे रहे हैं। कोच चेत राम सहित अन्य कोच से प्रशिक्षण प्राप्त करके खिलाडि़यों में उत्साह हैं।


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