किसान संघर्ष में सीएम की नीयत खोटी, अमरेंदर सिंह दोगली नीति अपना किसानों को कर रहे गुमराह

By: निजी संवाददाता — चंडीगढ़ Oct 18th, 2020 12:04 am

आप नेता हरपाल सिंह चीमा बोले 

 चंडीगढ़-आम आदमी पार्टी आप पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने दोष लगाया कि कृषि के बारे में केंद्र के काले कानूनों और किसानी संघर्ष को लेकर मुख्यमंत्री अमरेंदर सिंह दोगली नीति अपना रहे हैं और पंजाब की जनता खास करके किसानों को गुमराह कर रहे हैं।

शुक्रवार को यहां प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने काले कानूनों के बारे में पंजाब सरकार की तरफ  से 19 अक्तूबर को पंजाब विधान सभा के एकदिवसीय अधिवेशन को आंखों में धूल झोंकने आईवाश करार देते हुए कहा कि इतने बड़े और संवेदनशील मुद्दे पर कम से कम सात दिन का सैशन होना चाहिए था। सैशन से पहले सभी राजनीतिक दलों समेत खेती माहिरों, किसान जत्थेबंदियों और सभी प्रभावित वर्गों के नुमाइंदों के साथ संयुक्त बैठक बुलानी चाहिए थी, जिससे उस बैठक के निचोड़ के मुताबिक विधान सभा में फैसला लिया जाताए परंतु मुख्यमंत्री संघर्षशील किसानों-मज़दूरों, कृषि माहिरों, विरोधी राजनीतिक दलों यहां तक कि मीडिया का भी सामना करने से भाग रहे हैं, क्योंकि अमरिन्दर सिंह सरकार किसानों और पंजाब के हकों के मामले में मोदी सरकार से सीधी टक्कर नहीं लेना चाहती। जिस का कारण भ्रष्टाचारए विदेशी बैंक खाते और विदेशी मेहमानों के कारण बनी निजी कमजोरियां हैं। चीमा ने कहा कि मोदी सरकार को खुश करने के लिए मुख्य मंत्री पंजाब के लोगों और किसानों को गुमराह कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि पंजाब सरकार गंभीर और स्पष्ट होती तो अब तक सभी राजनैतिक दलों और किसान संगठनों को पता होता कि विधान सभा सैशन दौरान सरकार कौन सा कदम उठाने जा रही हैए जिस से पंजाब और कृषि को मोदी के काले कानूनों की घातक मार से बचाया जा सकता होए परंतु आज शुक्रवार तक सरकार की ओर से कोई एजेंडा मुख्य विरोधी पक्ष होने के नाते हमारे ;आपद्ध के पास भी नहीं भेजा गया। जबकि यह एजेंडा सभी राजनैतिक दलों और किसान जत्थेबंदियों को भी भेजा जाना चाहिए था। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस से पता चलता है कि 28 अगस्त वाले विशेष सत्र की तरह यह सत्र भी आंखों में धूल झौंकने की कार्यवाही से अधिक कुछ भी नहींए,क्योंकि उस सैशन में काले कानूनों को रद्द करने सम्बन्धित जो प्रस्ताव पास किया थाए उसे तुरंत केंद्र सरकार के पास भेजने की बजाए 18 दिन यहां विधान सभा सचिवालय और पंजाब सचिवालय में दबाए रखाए जिस दिन यह बिल संसद में आने थे, उस से एक दिन पहले भेज कर खानापूर्ति कर दी।  हरपाल सिंह चीमा ने सवाल उठाया कि पंजाब में राहुल गांधी के ट्रैक्टर ड्रामे करवाने वाले अमरिन्दर सिंह बतौर मुख्य मंत्री इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री या केंद्रीय खेती बॉड़ी मंत्री को क्यों नहीं मिले, जबकि सर्वदलीय बैठक में एक वफद लेकर जाने का वायदा किया था।


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