मैसूर की स्याही बताएगी वोट दिया या नहीं
शायद यह लोगों को पता नहीं होगा कि मतदान के बाद अंगुली पर जो स्याही लगाई जाती है, वह कितनी कीमती है और कहां पर मिलती है। लोग शायद ही इसे जानते होंगे, लेकिन यह दिलचस्प बात है कि देश में एक ही जगह पर यह स्याही बनाई जाती है, जिसे अमिट स्याही कहते हैं। मतदान के बाद इस स्याही को अंगुली पर लगाया जाता है, जो फिर कुछ महीने तक नहीं मिटती। यह स्याही मैसूर में बनाई जाती है और बताया जाता है कि वहां पर भी एक ही कंपनी है, जिससे यह स्याही ली जाती है और देश में होने वाले हर मतदान में इसका इस्तेमाल किया जाता है। हिमाचल प्रदेश में भी दिसंबर के अंत में या फिर जनवरी महीने में पंचायतीराज व शहरी निकाय के चुनाव होने हैं, जिसमें मैसूर की वही स्याही इस्तेमाल की जाएगी। सूत्र बताते हैं कि यह अमिट स्याही मैसूर पैंडम एंड वॉर्निश लिमिटेड से मंगवाई जाएगी, जिसको इसके लिए ऑर्डर दे दिया गया है, ताकि समय पर यह पहुंच जाए। पंचायत चुनाव में इस्तेमाल होने वाली अमिट स्याही की लागत 28 लाख रुपए आएगी, जिसकी 30 हजार बोतल यहां मंगवाई जा चुकी हैं। एक पैकेट में 50 शीशी होती हैं और एक का मूल्य 117 रुपए का होता है। लगातार इसका मूल्य बढ़ रहा है।
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