नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब की किसान यूनियनों ने दर्जनों रेलवे ट्रैक पर अनिश्चितकालीन धरना रखा जारी

नये कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब की किसान यूनियनों ने राज्य के विभिन्न रेलवे स्टेशनोें अमृतसर ,फरीदकोट ,फिरोजपुर ,पटियाला सहित कई रेलवे ट्रैक पर टैंट लगाकर अनिश्चितकालीन धरना आज भी जारी रखा जिससे रेलवे तथा व्यापार को भारी नुकसान पहुंचा । राज्य की करीब 31 किसान यूनियनों ने अंबाला चंडीगढ रेलवे ट्रैक पर लालडू ,संगरूर ,गुरदासपुर ,जगरांव ,बठिंडा ,जैतो ,रोमाना ,मानसा और समराला रेलवे पटरियों पर कल से धरना दिया हुआ है । राज्य के विभिन्न रेल ट्रैकों पर धरने के कारण रेल यातायात बुरी तरह ठप हो गया है जिसके कारण रेलवे ने आज भी नयी दिल्ली -जम्मू तवी राजधानी एक्सप्रेस ,अमृतसर -नांदेड एक्सप्रेस ,अमृतसर -हरिद्वार जनशताब्दी और अमृतसर -जयनगर स्पेशल ट्रेन आज भी रद्द रखीं ।

पहले नोटबंदी और उसके बाद कोरोना के कारण बुरी तरह चौपट अर्थव्यवस्था अब किसान आंदोलन के कारण पटरी पर नहीं आ पा रही । रेलवे को तो राजस्व की हानि हो ही रही है साथ में लोगों का व्यापार भी चौपट हो रहा है । किसान कारपोरेट घरानों के पैट्रोल पंप तथा माल का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं तथा कल भी उन्होंने कारपोरेट घरानों के माल का घेराव किया ।

केन्द्र सरकार की आलोचना करते हुए भाकियू के नेता गुरजीत सिंह रामपुरा ने कहा कि सरकार ने उनके पेट पर लात ही नहीं मारी बल्कि उनको भूखों मरने के लिए के लिये ये कदम उठाए हैं। जिला नेता धर्मपाल सिंह रोडीकपुरा ने कहा कि धरना अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगा । आज फरीदकोट जिले के विभिन्न गांवों से किसानों का एक बड़ा काफिला पहुंचा। गांव रोमाना अल्बेल सिंह के ग्रामीण धरने में शामिल हुये । किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों और उनके परिवारों के लिए एक नया बिल लाकर बहुत बेइंसाफी की हैलेकिन जब तक इसे वापस नहीं किया जाता, वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने मांग की कि इस बिल पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए ताकि देश भर के किसानों के आक्रोश को खत्म किया जा सके ।