सौर पंप से किसान के खेतों तक पहुंचेगा पानी
प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। अब बिना बिजली के भी किसानों के खेतों तक पानी पहुंचेगा। सौर पंपों के माध्यम से यह सुविधा सरकार राज्य के लाखों किसानों को देने जा रही है। कृषि विभाग के निदेशक नरेश कुमार ने बताया कि किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना पीएम कुसुम शुरू की गई है, ताकि किसानों के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया जा सके और ज्यादा से ज्यादा नकदी फसलों का उत्पादन कर किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकें। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को आश्वास्त सिंचाई सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से विशेषकर दूर-दराज के ऐसे क्षेत्रों में जहां बिजली की उपलब्धता नहीं है, वहां सिंचाई के लिए जल उठाने के लिए पीएम कुसुम योजना आरंभ की है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में सौर पंपों का प्रयोग कर खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने के लिए आवश्यक अधोसंरचना विकसित करना प्रस्तावित है। पीएम कुसुम योजना के तहत सौर पंपों से सिंचाई के लिए व्यक्तिगत व सामुदायिक स्तर पर सभी वर्गों के किसानों के लिए पंपिंग मशीनरी लगाने के लिए 85 प्रतिशत की सहायता का प्रावधान है। योजना के लिए चालू वित्त वर्ष के लिए 12 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है और इस वर्ष एक हजार सौर पंप लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसके लिए 50 प्रतिशत व्यय केंद्र सरकार व 35 प्रतिशत व्यय प्रदेश सरकार द्वारा, जबकि शेष 15 प्रतिशत लाभार्थी द्वारा वहन किया जा जाना है। उन्होंने कहा कि इस योजना में संबंधित क्षेत्रों में किसान विकास संघ, कृषक विकास संघ व किसानों के पंजीकृत समूहों आदि को प्राथमिकता दी जाएगी, जो सोसायटी अधिनियम-2006 के तहत पंजीकृत हों, छोटे व सीमांत किसान तथा ऐसे किसान जो फसल उगाने के लिए वर्षा पर निर्भर हैं, उन्हें भी इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी। कृषि निदेशक ने बताया कि इस योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए किसान उपमंडल भू-संरक्षण अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवदेन पत्र के साथ उन्हें भूमि संबंधित कागजात जैसे ततीमा व जमाबंदी, स्वयं सत्यापित किया हुआ राशन कार्ड, आधार कार्ड की प्रति, भूमि प्रमाण पत्र संलग्न करने होंगे और स्टांप पेपर पर कृषक शपथ पत्र भी देना होगा। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे इस योजना की जानकारी व लाभ उठाने के लिए अपने नजदीक के उपमंडलीय भू-संरक्षण अधिकारी, विकास खंड के कृषि अधिकारी, जिला के कृषि उपनिदेशक अथवा कृषि निदेशक कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
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