सार्वजनिक स्थलों पर बिना मास्क एक हजार फाइन
बीबीएन-सरकार के नियमानुसार बिना मास्क के पाए जाने पर 1000 रुपए जुर्माना लिया तथा सार्वजनिक कार्यक्रमों में सरकार द्वारा निर्धारित व्यक्तियों का सीमा से अधिक पाए जाने पर भी 5000 रुपए तक का जुर्माना देय होगा। वहीं, जिला पुलिस भी कोविड-19 के नियमों की अवहेलना करने पर पुलिस अधिनियम के तहत ऐसे लोगों से सख्ती से निपटेगी। कोरोना को लेकर बरती जा रही सावधानियों और प्रदेश सरकार द्वारा जारी नए नियमों के अलावा पहले से सक्रिय पुलिस और अधिक चुस्त-दुरुस्त हो गई है। जिला पुलिस बद्दी के तहत पुलिस अधीक्षक ने उप निरीक्षकों की जिम्मेदारी भीड़ पर नियंत्रण रखने और मास्क न पहनने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सुनिश्चित कर दी है। उप निरीक्षकों के आदेशों की अवमानना पर सार्वजनिक स्थानों, सड़कों, गलियों, बस अड्डों पर यदि कोई व्यक्ति मास्क नहीं पहनता है और उपनिरीक्षक के जारी दिशा-निर्देशों की अवहेलना करता है तो हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम के तहत उसे बिना वारंट आठ दिन की हिरासत में लिया जा सकता है और 5000 रुपए जुर्माना अथवा दोनों ही सजाएं हो सकती हैं।
जानकारी के अनुसार कोविड-19 के नियमों की अनुपालना को सुनिश्चित बनाने के लिए जिला पुलिस और अधिक चुस्त-दुरुस्त व मुस्तैद हो गई है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी द्वारा हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 111 के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आवश्यक आदेश तथा दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
रोहित मालपानी ने कहा कि इस समस्या के दृष्टिगत जिला पुलिस बद्दी के पुलिस उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों को क्षेत्र में आमजन को कोरोना वायरस से बचाव व इसकी रोकथाम के बारे में आवश्यक दिशा निर्देश देने के लिए अधिकृत किया गया है ताकि सार्वजनिक स्थानों, सड़कों, गलियों तथा बस अड्डों इत्यादि पर कोरोना वायरस से बचाव व इसकी रोकथाम से संबंधित नियमों की अनुपालन सुनिश्चित की जा सके। अपने आदेश में पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी ने कहा है कि बावजूद इसके अगर कोई व्यक्ति अगर मास्क नहीं पहनता है तथा पुलिस उप निरीक्षक के इस संबंध में दिए गए दिशा निर्देशों की अवहेलना करता है तो हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 115 का उपयोग करते हुए उसे बिना वारंट के आठ दिन तक हिरासत में लिया जा सकता अथवा 5000 रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों ही सजाएं दी जा सकती है।