सुप्रीम राहत मिलने पर गदगद एसएमसी टीचर्स

मंडी एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट-प्रदेश सरकार को कहा थैंक्स, दुर्गम-जनजातीय क्षेत्र में सेवाएं दे रहे शिक्षकों का सुरक्षित हुआ भविष्य

स्टाफ रिपोर्टर — पद्धर-सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसएमसी शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए हाइकोर्ट द्वारा उनकी नियुक्तियों को खारिज करने के फैसले को निरस्त करने पर एसएमसी टीचर्स गदगद हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को मामले पर हुई सुनवाई में एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को सही ठहराया गया है। ऐसे में प्रदेश के 2555 से अधिक एसएमसी शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। उल्लेखनीय है कि हाइकोर्ट ने इन अध्यापकों की नियुक्तियों को रद्द करने का फैसला सुनाया था।

मामले के अनुसार प्रार्थी कुलदीप कुमार व अन्यों ने सरकार द्वारा स्टॉप गैप अरेंजमेंट के नाम पर एसएमसी भर्तियों को प्रदेश हाइकोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी थी कि एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां गैर कानूनी हैं और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरासर अवहेलना है। प्रार्थियों की यह भी दलील थी कि एसएमसी शिक्षकों की भर्तियों भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के विपरीत हैं। इससे सभी को समान अवसर जैसे मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। हाइकोर्ट ने प्रार्थियों की याचिका को स्वीकारते हुए न केवल एसएमसी अध्यापकों की नियुक्तियों को रद्द करने के आदेश दिए, बल्कि अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया था कि राज्य सरकार छह महीने के भीतर नियमों के तहत अध्यापकों की नियुक्तियां करें। सुप्रीम कोर्ट में एसएमसी अध्यापकों का कहना था कि वे वर्ष 2012 से हिमाचल के अति दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रुकावट के अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन प्रदेश सरकार द्वारा नियमों के तहत किया गया है। वे नियुक्तियों के लिए पूर्ण पात्रता रखते हैं और लंबे समय से उनकी निर्वाधित सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उनकी सेवाओं को नियमित करने की बजाय रद्द करना तर्कसंगत नहीं है।

मंडी जिला एसएमसी टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष  दुष्यंत शर्मा, उपाध्यक्ष निशा ठाकुर, कमला यादव, लक्ष्माण, संतराम, बेसर, अनीता, मीना, लता, जया, मीना, शालिनी,  वीना, ललिता, सरिता, उषा, यादव चौहान, बेसर सिंह, पीतांबर, धमेश्वर, संतराम, खेमराज, लक्ष्मी बलवीर, लता, जया, शालिनी, खेमराज शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया है। वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर का भी आभार व्यक्त किया है। निशा ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में लंबे समय से सेवाएं दे रहे एसएमसी अध्यापकों का भविष्य अब सुरक्षित हुआ है इसके लिए वह प्रदेश सरकार के भी आभारी हैं।