अब नोन मेंबर्स के पैसे जमा नहीं कर सकती सहकारी सभाएं 

By: सर्वजीत सिंह ठाकुर प्रदेशाध्यक्ष, सहकार कर्मचारी संघ Nov 29th, 2020 12:08 am

सर्वजीत सिंह ठाकुर

प्रदेशाध्यक्ष, सहकार कर्मचारी संघ

भारतीय रिजर्व बैंक के एक आदेश ने हिमाचल की सहकारी सभाओं को बड़ा झटका दे दिया है। सहकारी सभाओं को अब नोन मेंबर्स के खाते बंद करने पड़ेंगे। इससे किसानों को सेवाएं दे रही सोसायटियों को बड़ा नुकसान हुआ है। पेश है गगरेट से यह खास रिपोर्ट …

खाते भी होंगे बंद, हिमाचल में नए आदेशों ने बिठाया सोसायटियों का भट्ठा

हिमाचल में सहकारी सभाएं किसानों और बागबानों की बड़ी मददगार हैं। इन सहकारी सभाओं के दम से प्रदेश में खेतीबाड़ी चलती है। जरूरत पड़ने पर तुरंत किसानों को पैसा मिल जाता है, लेकिन रिजर्व बैंक के एक आदेश ने हिमाचल में हजारों सहकारी सभाओं की रीढ़ तोड़ दी है।

आदेश यह है कि सहकारी सभाएं नोन मेंबर्ज के न तो पैसे जमा करेंगी और न ही नोन मेंबर्ज के खाते चला सकती हैं। इस कारण प्रदेश में नॉन मेंबर्स के खाते सहकारी सभाओं से बंद किए जा रहे हैं । इससे सहकारी सभाओं को एक ही झटके में करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। जो सहकारी सभाएं कभी करोड़ों में थीं उनकी क्रियाशील पूंजी अब लाखों में रह गई है। यही हाल रहा, तो आने वाले समय में इन सभाओं में कार्यरत स्टाफ का वेतन निकालना भी मुश्किल हो जाएगा। अपनी माटी टीम ने इस ज्वलंत मुद्दे पर  सहकार कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सर्वजीत सिंह ठाकुर से बात की।

उन्होंने भी इस निर्णय को सहकारी सभाओं के विपरीत बताया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई के ये आदेश सिर्फ हिमाचल में लागू किए गए हैं, जबकि अन्य प्रदेशों ने इसे लागू नहीं किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को अपने इस आदेश पर फिर विचार करना चाहिए।

बेरोजगार हुई तो शुरू की एलोवेरा की खेती

लॉकडाउन में नौकरी छूट गई तो हमीरपुर की रीता (महिला टीचर) ने किया कमाल

कोरोना ने कई लोगों की नौकरी छीन ली है, लेकिन मेहनतकश लोगों का महामारी भी कुछ हीं बिगाड़ सकती। कुछ ऐसा ही खेती के जरिए कर दिखाया है हमीरपुर जिला की एक लेडी टीचर ने। एक रिपोर्ट …

हमीरपुर जिला के तहत नारा पंचायत का खरुणी नामक एक छोटा सा गांव है। इस गांव की रीता कुमारी कोरोना लॉकडाउन से पहले एक निजी स्कूल में कार्यरत थी। हजारों लोगों की तरह कोरोना के कारण रीता की भी नौकरी चली गई, लेकिन रीता हिम्मत हारने वालों में नहीं थी। रीता ने अपने दम पर आत्मनिर्भर बनने का फैसला कर लिया। रीता ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने एक बैंक लोन लिया और एलोवेरा की खेती शुरू कर दी। उन्होंने जून माह में अपने खेतों में एलोवेरा के पांच हजार पौधे रोपे। दिन-रात की कड़ी मेहनत  बाद अब उनके खेतों में एलोवेरा खूब लहलहा रहा है। एलोवेरा की मार्केट में डिमांड भी खूब है। रीता कहती हैं कि अगर उनका सीजन अच्छा रहा तो वह आने वाले समय में बड़े स्तर पर इस खेती को करेंगी। आज हिमाचल प्रदेश को रीता जैसे होनहार किसानों पर गर्व है।

गलोड़ से निजी संवाददाता की रिपोर्ट 

ऊना के खान मशरूम फार्म में उगाईं बिना मिट्टी की सब्जियां

ऊना के मशरूम फार्म में नई-नई तकनीक से खेती की जाती है। इन दिनों यहां हाइड्रोपोनिक तकनीक आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। पढ़ें यह रिपोर्ट

ऊना के खान मशरूम फार्म को कौन नहीं जानता। यह वह फार्म है, जहां आए दिन खेती में नए नए प्रयोग होते हैं। मौजूदा समय में इस फार्म में हाइड्रोपोनिक तकनीक से हो रही खेती आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस तकनीक के अनुसार फसलें बिना मिट्टी के उगाई जाती हैं। यानी बालू, कंकड़ या पानी में पौधे तैयार किए जाते हैं। इसमें पौधों को सिर्फ तीन चीजों से तैयार किया जाता है, जिनमें पानी, पोषक तत्त्व और सूर्य का प्रकाश शामिल है। यह तकनीक तेजी से दुनियाभर में मशहूर हो रही है। इसी कड़ी में यहां हो रही कमाल की खेती को निहारने जायका की फोरेस्ट्री टीम पहुंची। इस टीम ने  फार्म में पहुंचकर कृषि की आधुनिक तकनीक के बारे में जाना। फार्म के संचालक यूसुफ खान ने विभागीय टीम को  विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस तकनीक का यहां बखूबी इस्तेमाल हो रहा है।

 रिपोर्टः स्टाफ रिपोर्टर, ऊना

किसान आंदोलन को ऐसे देख रहे कुलदीप सिंह तंवर

हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर ने शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन के लिए दिल्ली जा रहे किसानों का रास्ता रोकने, उन पर पानी के फव्वारे छोड़ने और आंसू गैस के गोले दागने की कड़ी निंदा की है। डा. तंवर ने कहा कि भाजपा की हरियाणा सरकार ने जहां किसानों को रोकने के लिए सड़कों के बीच खाई खोदने, सड़कों पर चट्टाननुमा पत्थर डालने और मिट्टी के पहाड़ खड़े करने की कायरतापूर्ण हरकत की है और अपने ही किसानों के साथ विश्वासघात किया है, वहीं केंद्र सरकार ने किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए दिल्ली के खेल मैदानों को जेल में बदलने की घिनौनी साजिश रची है।

रिपोर्ट : कार्यालय संवाददाता, शिमला

डिपुओं में मिलेगी कांगड़ा टी

जल्द ही कांगड़ा चाय हमें डिपुओं में मिलेगी। टी बोर्ड ने इसे लेकर एक प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा है। पेश है पालमपुर से कार्यालय संवाददाता की यह खास रिपोर्ट

सब ठीक रहा तो पीडीएस में शामिल होगी हिमाचल की अपनी चाय

हिमाचल के डिपुओं में जल्द ही लोगों को कांगड़ा चाय भी मिल सकती है। टी बोर्ड ने इसके बारे में प्रदेश सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है।   इस प्रोजेक्ट के बारे में पालमपुर से हमारे वरिष्ठ सहयोगी जयदीप रिहान ने टी बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर डा. अनुपम दास से भेंट की। डा. अनुपर दास ने कहा कि सरकार अगर मंजूरी देती है, तो इसके हिमाचल को बड़े फायदे होंगे। एक तो चाय बागबानों की मार्केटिंग की टेंशन काफी हद तक खत्म हो जाएगी और दूसरे प्रदेशवासियों को घर बैठे क्वालिटी प्रोडक्ट मिल जाएगा। गौर रहे कि त्रिपुरा और तमिलनाडु में वहां की अपनी चाय डिपुओं के जरिए लोगों को मुहैया करवाई जाती है। वहां यह प्रयोग काफी सफल रहे हैं। अब इस मसले पर प्रदेश सरकार की ओर से रिएक्शन का इंतजार है।

नौणी यूनिवर्सिटी से किसानों को आई यह सलाह

अगले पांच दिनों में मौसम परिवर्तनशील रहेगा। अधिकतम और न्यूनतम तापमान 18 से 22 डिग्री सेल्सियस व पांच से आठ डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है। सापेक्ष आर्द्रता 55 से 80 प्रतिशत और पवन की गति 10-11 किलोमीटर प्रति घंटा एसई दिशा से रहेगी। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने खेतों को तैयार करें और गेहूं, जौ, चना, सर्दियों की सब्जियों और अन्य फसलों की तरह रबी फसलों की बुआई शुरू करें।

गोभी और फूलगोभी की फसलों में नाइट्रोजन की दूसरी खुराक डालें। 15 गुणा 10 सेंटीमीटर की दूरी पर प्याज की रोपाई करें। गेंदे और गुलदाउदी के फूलों की फसल की तुड़ाई करें व उन्हें बाजार भेजें। गेंदे की फसल के पौधों को पानी देते रहें। स्कैब से प्रभावित क्षेत्रों में यूरिया 10 किलोग्राम/200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

रिपोर्टः निजी संवाददाता, नौणी

सीधे खेत से

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आपके सुझाव बहुमूल्य हैं। आप अपने सुझाव या विशेष कवरेज के लिए हमसे संपर्क कर सकते हैं। आप हमें व्हाट्सऐप, फोन या ई-मेल कर सकते हैं। आपके सुझावों से अपनी माटी पूरे प्रदेश के किसान-बागबानों की हर बात को सरकार तक पहुंचा रहा है।  इससे सरकार को आपकी सफलताओं और समस्याओं को जानने का मौका मिलेगा।  हम आपकी बात स्पेशल कवरेज के जरिए सरकार तक  ले जाएंगे।

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