बैजनाथ में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

मजदूर संगठनों ने महाराजा पैलेस बैजनाथ से बाजार से होते हुए एसडीएम कार्यालय तक निकाली रैली, एसडीएम के जरिए पीएम को भेजा ज्ञापन
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशन के आह्वान पर केंद्रीय सरकार की मजदूर कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ आज पूरे देश में करोड़ों मजदूर हड़ताल पर हैं, क्योंकि सरकार मजदूरों की जायज मांगों को अनसुना कर रही है और निरंतर देशी-विदेशी कारपोरेट की हक में मजदूरों के जनवादी अधिकारों पर हमले कर रही है। लंबे संघर्ष के बाद अनेक कुर्बानियां को हमारे देश में पिछले 100 वर्षों में 44 श्रम कानून बने हैं, उन्हें वर्तमान मोदी सरकार द्वारा निरस्त कर नए चार लेबर कोड बना दिए गए, जो पूरी तरह से मालिकों के हक में है और मजदूरों के खिलाफ है, जिसे लेकर बैजनाथ में गुरुवार को सीटू और इंटक से जुड़े तमाम मजदूर संगठनों ने केंद्र सरकार का विरोध किया।
गुरुवार के प्रदर्शन में केयू हाइड्रोए भवन एवं सड़क मजदूर यूनियन, सीटू, मिड डे मील, आंगनबाड़ी वर्कर एवं हेल्पर, भवन एवं अन्य निर्माण कामगार यूनियन इंटक आदि के मजदूरों ने सीटू के राज्य उपाध्यक्ष रविंद्र कुमार और इंटर के जिला गुरदास राम संख्यान के नेतृत्व में महाराजा पैलेस बैजनाथ में इकट्ठे होकर बाजार होते हुए एसडीएम कार्यालय तक रैली निकाली। रैली को संबोधित करते हुए रविंद्र कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो श्रम कानून खत्म किए हैं, उनमें से भवन अन्य निर्माण आदि अधिनियम 1996 को भी खत्म कर दिया, जिसके चलते हिमाचल प्रदेश निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है, जिसके चलते लोगों को जो लाभ मिल रहा है, वह नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड में पिछले कई वर्षों से लोगों का सामान स्वीकृत हुआ, वे भी नहीं मिल रहा है, उन्हें लाभों का भुगतान तुरंत किया जाए। गुरदास राम ने कहा कि लोगों को 120 दिन की जगह 200 दिन का मनरेगा में रोजगार दिया जाए । गुरुवार के धरने में सुखराम, तिलक राज, अनिता देवी, सालिगराम, सुदर्शना, माया, कमला, मधुबाला, सुनीता कुमारी, शशि बाला, सुमना, कमला आदि ने भाग लिया व बैजनाथ की एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा।