बाजार, बसें बंद… पर खुले रहे शराब के ठेके

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो-मंडी Nov 30th, 2020 12:55 am

प्रदेश सरकार द्वारा रविवार को बाजार बंद रखने के आदेशों का मंडी जिला में भी पूरी तरह से पालन किया गया। लोगों ने कोरोना से जंग के खिलाफ पूरी तरह से अपनी दुकानें व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रख कर इस लड़ाई में जीत का संकल्प फिर से दोहराया। जिला भर में मेडिकल स्टोर, दूध, सब्जी मार्केट, फ्रूट शॉप, टी शॉप, बार्बर शॉप, मिठाई विक्रेता, रेस्टोरेंट-बार, होटल, शराब के ठेके, मीट व चिकन शॉप और ढावों को छोड़ कर अन्य सभी प्रकार की दुकानें व व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। हालांकि रविवार को जिला भर में नेरचौक व पंडोह बाजारों को छोड़ कर अन्य सभी बाजार पहले से ही बंद रखने की रीत चल आ रही है, लेकिन इस बार रविवार को सरकार के आदेशों के बाद न सिर्फ पूरे जिला में बाजार बंद रहे, बल्कि लोग भी अपने घरों से काफी कम संख्या में बाहर निकले।

मंडी शहर में लोगों की आवाजाही काफी कम रही। हालांकि वाहनों को आवागमन होता रहा, लेकिन यह भी पहले के मुकाबले काफी कम संख्या में देखा गया। मंडी शहर के साथ ही नेरचौक, सुंदरनगर, सरकाघाट उपमंडल, पद्धर, जोगिंद्रनगर, थुनाग, गोहर, धर्मपुर और ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाजार बंद रहे। हालांकि रविवार को बंद को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई  स्पष्ट निर्देश न होने की वजह से दुकानादारों से लेकर लोगों में असमंजस भी बना रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में इस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। सरकारी बसों के साथ निजी बसें भी काफी कम संख्या में रविवार को चलाई गई। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को दिक्कत भी हुई, लेकिन इस बाद भी रविवार को पूरे मंडी जिला में सरकार के आदेशों को समर्थन देखने को मिला।

डैहर में सड़कें सुनसान

डैहर। हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से 15 दिसंबर तक रविवार बंद के आदेश मंडी जिला में प्रशासनिक स्तर उचित तौर पर जारी न होने से जनता व व्यापारी परेशान रहा। डैहर उपतहसील के मुख्य बाजार में दवाई,  दूध, ब्रेड, सब्जी, मीट की दुकानों को छोड़कर सारा बाजार पूर्ण रूप से बंद रही। जिसके चलते पूरा दिन बाजार में सन्नाटा पसरा रहा व प्रत्यक्षदर्शियों को मार्च महीने के लॉकडाउन का आभास हुआ। वही पर दूसरी और डैहर बाजार व साथ लगते क्षेत्र में अंग्रेजी व देशी दारू के ठेके की तमाम दुकानें खुली रही। वहीं पर क्षेत्र में रविवार होने के कारण अधिकतर निजी बसें रूट पर नहीं दौड़ी। वही पर ज्यादातर लोग अपने अपने घरों में बने रहे।

शराब के ठेके खुले

जिला भर में शराब के ठेके कहीं बंद रहे, तो कहीं पर ठेके खुले रहे। यही नहीं मंडी शहर में जहां शराब के ठेके बंद थे तो वहीं पर कई रेस्टोरेंट और उनके बार खुले रहे। सरकाघाट, बलद्वाड़ा और पद्धर उपमंडलल में भी शराब के ठेके खुले रहे। जबकि बाजार पूरी तरह से बंद थे। इसे लेकर लोगों में भी रोष देखा गया है।

सूना पड़ा रहा मंडी बस अड्डा

अंतरराज्जीय बस अड्डा मंडी रविवार को सूना पड़ा। बस अड्डे से दिन भर कुछ संख्या में निजी व सरकारी बसों का आना जान भी हुआ, लेकिन काफी कम संख्या में बसों को सवारियां मिल सकी। बसें न चलने से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जरूर दिक्कतें आई।

शराबियों की लगी रही मौज

सरकाघाट। क्षेत्र में जहां रविवार को बाजार पूरी तरह से बंद रहे। वहीं बहुत सी जगहों पर शराब के ठेके खुले रहे। इस दौरान लोगों को बहुत से जरूरी चीजों से महरूम रहना पड़ा। मगर शराबियों की मौज रही। हैरानी की बात है कि रविवार को बसें भी नहीं चली। इसके चलते लोगों को बहुत अधिक दिक्कतें झेलनी पड़ी। मगर शराब लेने में शराबियों को अधिक कसरत नहीं हुई। सरकाघाट बाजार सहित अन्य कस्बों में शराब की दुकानों को खुला देखा गया। बहुत से ठेकों के सेल्जमैन चोरी छिपे भी शराब को बेचते देखे गए। राष्ट्रीय किसान संगठन के तहसील बलद्वाड़ा के अध्यक्ष प्रकाश शर्मा, महामंत्री नंदलाल ठाकुर, सरकाघाट से तेजनाथ, पवन कुमार, सुनील शर्मा, ललित जंवाल व कश्मीर सिंह आदि ने सरकार से रविवार को जरूरी सामान की दुकानें खुली रखने और शराब के ठेके बंद रखने की गुहार लगाई है।

बलद्वाड़ा में शराब का ठेका बंद रखने की मांग

बलद्वाड़ा। बलद्वाड़ा बाजार रविवार दिनभर बंद रहा, लेकिन यहां शराब का ठेका खुला रहा। इस दौरान सेल्जमैन को शराब की खूब बिक्री करते हुए देखा गया। लोगों ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा कि अगर जरूरी सामान की दुकानें बंद हो सकती हैं, तो ठेका क्यों बंद नहीं हो सकता। लोगों में प्रकाश शर्मा, नंदलाल ठाकुर, रोशन लाल, विनय, रमेश और मोनू आदि ने पुलिस और प्रशासन ने इस ठेके को रविवार को बंद रखने की मांग की है। उन्होंने कहा कि एक दिन के लिए अगर ठेका बंद रहेगा, तो कोई परेशानी नहीं होगी।


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