बिजाई से पहले मिट्टी का परीक्षण करें किसान

By: सिटी रिपोर्टर — शिमला Nov 22nd, 2020 12:01 am

प्रदेश के किसानों के लिए यह समय रबी की फसलों के लिए सबसे बेहतर है। कृषि विभाग ने अलर्ट जारी कर किसानों को हिदायत दे दी है और कहा कि उगाई से पहले मिट्टी का परीक्षण भी जरूर करें। विभागीय जानकारी के अनुसार अभी तक प्रदेश में खेती योग्य कुल भूमि के 39 प्रतिशत क्षेत्र में ही बिजाई हो पाई थी। बारिश के बाद प्रदेश में शेष भूमि पर जुताई व बिजाई का कार्य जोरों से शुरू हो गया है। कृषि विभाग के निदेशक डा. नरेश कुमार बधान ने कहा कि किसान खेतों को अच्छे से तैयार करने के बाद ही अगली रबी की फसलों की बिजाई करें।

 उचित फसल प्रबंधन से रबी फसलों का अधिक उत्पादन लिया जा सकता है। इसके लिए खेत की तैयारी से लेकर फसल की कटाई तक विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। फसलों एवं किस्मों का चुनाव, क्षेत्र विशेष  की जलवायु, मृदा की दशा, पानी की उपलब्धता आदि पर ध्यान रखते हुए किया जाना चाहिए। अच्छी उत्पादकता प्राप्त करने के लिए अच्छी गुणवत्ता का बीज अत्यंत आवश्यक है। खाद एवं उर्वरकों का सही मात्रा में सही समय पर ठीक ढंग से प्रयोग करने पर अधिक उत्पादन प्राप्त किया जाता है।

 कृषि विभाग ने किसानों को सलाह देते हुए कहा है कि उर्वरकों के संतुलित प्रयोग के लिए मृदा का परीक्षण अति आवश्यक है। फसल की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए खेत को खरपतवारों, कीटों एवं रोगों से मुक्त रखना भी अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि रबी मौसम में मुख्यतः गेहूं, जौ, चन्ना, मटर, आलू, गोभी, लहसुन, सरसों इत्यादि फसलें उगाई जाती हैं। कृषि विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा रबी फसलों के बीज कृषि प्रसार केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। कृषि विभाग ने कहा कि किसान नजदीकी प्रसार केंद्रों से संपर्क कर बीज प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे कृषि संबंधी जानकारी व सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि योजनाओं का विभाग के माध्यम से ज्यादा लाभ लें। किसान अधिक जानकारी के लिए निदेशालय स्तर पर कृषि सूचना अधिकारी 0177-2830683 व जिला स्तर पर कृषि उपनिदेशक से संपर्क कर सकते हैं, जिनके दूरभाष नंबर विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

बीज केंद्रों में ये किस्में उपलब्ध

रबी फसल की बिजाई को एचडी-3086, पीबीडब्ल्यू-725, पीबीडब्ल्यू-723, पीबीडब्ल्यू-550, उन्नत-343, चन्ने की जीएनजी-2144, जीएनजी-1958, जीएनजी-2171, आरवीजी-202, आरवीजी-201, जेजी-12, सरसों की आरएच-0749, आरएच-725, पत राई-19, भूरी-51, मोती सरसों-51, जौं कि बीएच-959, आरडी-2794, आरडी-2786, आरडी-2035, मटर की एपी-1, अरकल, एपी-3, पीबी-89, मसूर की आईपीएल-31, केएलबी-2008-04, टी-5 इत्यादि बीज केंद्रों में उपलब्ध है।


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