बंगाणा में मनाई डाक्टर वर्गीज की जयंती

पशुपालन विभाग ने आर्थिक व्यवस्था को लेकर पशुपालकों के साथ साझा किए विचार

बंगाणा-भारतवर्ष में श्वेत क्रांति के जनक पदम भूषण डा. वर्गीज कुरियन की जन्म जयंती मनाई गई। इस मौके पर हिमाचल प्रदेश पशुपालन विभाग उप मंडल बंगाणा ने प्रगतिशील पशुपालकों के घर द्वार पर जाकर दूध की जनमानस के स्वास्थ्य को लेकर उपयोगिता, आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में इसका महत्त्व, दूध उत्पादन में खर्च को कम करने के सुझाव, दूध उत्पादन कि वृद्धि को लेकर विभिन्न प्रकार के सूत्रों को पशुपालकों के साथ सांझा कर मनाया। डाक्टर वर्गीज कुरियन का जन्म 26 नवंबर 1921 को केरल राज्य में हुआ था। उन्होंने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बनाया और 20 लाख किसानों को रोजगार दिया। अमूल ब्रांड की स्थापना एवं सफलता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके इस अभूतपूर्व कार्य के लिए भारत सरकार ने 1965 में पदमश्री और 1966 में पदम भूषण से सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त उन्हें कृषि रतन  के साथ कई  पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

भारतवर्ष में सबसे पहले इंडियन डेयरी एसोसिएशन ने 26 नवंबर 2014 को इस  दिवस को  मनाने  की पहल की। उसके बाद 2014 से 2016 के बीच दूध की उपलब्धता प्रति व्यक्ति 307 ग्राम से 360 ग्राम दर्ज की गई और दूध उत्पादन में 6.28 प्रतिशत विकास दर दर्ज पाई गई तथा 1998 में भारत संयुक्त राज्य अमेरिका को पीछे छोड़ पूरे विश्व का सबसे नंबर वन दूध उत्पादक देश बन गया। पशुपालकों के  दूध के खर्च को कम करने के लिए उपमंडल बंगाणा में कई प्रकार के कार्यक्रम चल रहे हैं जिनमें से एक अजोला घास जिसका प्रशिक्षण के साथ बीज पशुपालकों को मुफ्त में दिया जा रहा है। अभी तक 6000 के करीब पशुपालक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और एक हजार के करीब इसका सफलतापूर्वक दोहन कर रहे हैं। उन्होंने पशुपालकों से वैज्ञानिक तरीके से प्राकृतिक पशुपालन, प्राकृतिक खेती को अपनाने पर बल दिया, जिसके लिए भारतीय मूल के गोवंश को पालने का भी सुझाव दिया।