हड़ताल ने थामे निजी बसों के पहिए

By: कार्यालय संवाददाता—शिमला Nov 27th, 2020 12:01 am

हिमाचल में भी दिखा स्ट्राइक का असर, कई जिलों में नहीं हुआ बसों का संचालन

हिमाचल में भी गुरुवार को देशव्यापी हड़ताल का असर देखने को मिला है। निजी बसों के चालकों-परिचालकों के हड़ताल पर जाने से कई जिलों में निजी बसों के पहिए थमे रहे। हालांकि कई आपरेटरों ने हड़ताल में भाग नहीं लिया, मगर चालकों-परिचालकों के हड़ताल में जाने से लोगों को आवाजाही में दिक्कतें पेश आईं। प्रदेश में 50 फीसदी ऑक्यूपेंसी के साथ बसें चलाने के फैसले के बाद निजी बसों की संख्या पहले ही घट गई है। राज्य में यह आंकड़ा 1800 से एक हजार तक पहुंच गया था। उसके ऊपर हड़ताल के चलते प्रदेश में गुरुवार को 400 और बसें नहीं चल पाईं। हिमाचल प्रदेश प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन की मानें तो प्रदेश में 600 बसें ही चल पाई हैं। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर का कहना है कि हड़ताल का सबसे ज्यादा असर राजधानी शिमला में देखने को मिला। यहां के लोकल रूटों पर एक भी निजी बस नहीं चली, वहीं लंबे रूटों पर भी कम संख्या में ही बसें दौड़ीं।

यूनियन के महासचिव रमेश कमल ने कहा है कि गुरुवार को हिमाचल के किसी भी निजी ऑपरेटर ने हड़ताल में भाग नहीं लिया है।  यूनियन के महासचिव रमेश कमल ने कहा कि सरकार ने हड़ताल की सूचना के बावजूद भी निजी बस आपरेटर को कोई भी सुरक्षा प्रदान नहीं की तथा कई जगह पर चालकों-परिचालकों ने निजी बसों को खाली करवाया। लंबे रूटों से शिमला आने वाली बसें मंजिल तक नहीं पहुंच पाईं। एक बस लोगों ने डर के मारे बनूटी एवं घणाहट्टी में ही खाली कर दी।

राजधानी शिमला में एक भी प्राइवेट बस नहीं चली

निजी बस चालकों व परिचालकों के हड़ताल पर जाने से शिमला में बसों के पहिए थमे रहे। राजधानी शिमला में गुरूवार को एक भी निजी बस नहीं चली। बसों का संचालन न होने से जनता को आवाजाही में परेशानी का  सामना करना पड़ा। निजी बसों के  न चलने से शिमला में परिवहन का सारा जिम्मा एचआरटीसी पर आ गया था।


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